ग्वालियर। आपको स्ट्रीट लाइट दुरुस्त कराना हो तो शिकायत सुन ली जाए, यह आपकी किस्मत है, क्योंकि आप वीआइपी नहीं हैं। अगर वीआइपी आएंगे तो दिन-रात एक कर जिम्मेदार अफसर चार-चार क्या पूरी 400 लाइटें ठीक करा सकते हैं। हकीकत में ऐसा हुआ भी है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ग्वालियर आए तो उनके विजिट रूट पर आने वालीं 400 खराब स्ट्रीट लाइटों को तीन दिन में ही जगमग कर दिया गया।
सीएम के आगमन को देखते हुए 4 सौ स्ट्रीट लाइट की ठीक
इधर रोज जनता की 250 के आसपास शिकायतें हैं, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। सोमवार को मुख्यमंत्री मोहन सिंह यादव ग्वालियर प्रवास पर थे, उनका जो 48 किलोमीटर का प्रशासन ने रूट तय किया था उस रूट पर लंबे समय से 400 स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हुई थीं। इसे एचपीएल कंपनी ने 38 कर्मचारियों की मदद से तीन दिन में दुरुस्त कर दिया। लेकिन शहर में सैंकड़ों की संख्या में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट की तरफ झांका भी नहीं गया। आमजन से लेकर पार्षद तक स्ट्रीट लाइट सुधरवाने को लेकर परेशान है।
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों पर तवज्जो नहीं
इसलिए वह कंपनी की हेल्प लाइन नंबर से लेकर सीएम हेल्प लाइन तक लगा रहे हैं। हर दिन करीब ढाई सौ से अधिक शिकायतें पहुंच रही है। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हो पा रही है, क्योंकि कंपनी के पास इतना अमला नहीं है जितनी शिकायतें हर दिन पहुंच रही हैं और जिम्मेदारों को इससे मतलब नहीं है।
परेशानी का कारण कम स्टाफ
टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को पर्याप्त संख्या में मैदानी अमला और मशीनरी लगानी है। कंपनी को छह हाइड्रा गाड़ियां, 14 छोटी गाड़ियां, 60 लाइनमैन और 60 हेल्पर रखने हैं। कंपनी को पुराना बैकलाग खत्म करने के साथ ही पूरे शहर में उजाला रखने के लिए अब 1100 से 1200 स्ट्रीट लाइटें सुधारने का टारगेट था, लेकिन कंपनी इस बैकलाग को 38 कर्मचारियों की मदद से समाप्त करने में लगी है। इसमें 30 कर्मचारी 66 वार्डों का जिम्मा संभाल रहे है और आठ कर्मचारी सड़क किनारे खराब होने वाली स्ट्रीट लाइट को सुधारने के लिए चार गाड़ियों पर चल रहे हैं।
निजी कंपनी करती है मेंटेनेंश का काम
असल में शहर को जगमग करने के लिए इइएसएल कंपनी ने 62 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई थीं। लेकिन जब यह लाइट खराब होने लगी तो उसका मेंटेनेंस कंपनी करने में असफल रही, जिस पर एचपीएल इलेक्ट्रिक कंपनी को स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी दी गई। 22 करोड़ रुपये में पांच साल एचपीएल कंपनी मेंटेनेंस करेगी। जुलाई से कंपनी ने काम तो संभाल लिया, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण खराब स्ट्रीट लाइट के संधारण का काम समय पर नहीं हो रहा है। इस कारण से शिकायतों की संख्या कम नहीं हो रही है।
हर दिन पहुंचती है ढाई सौ से अधिक शिकायत
एचपीएल कंपनी के अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रतिदिन हेल्पलाइन नंबर पर 30 से 40 शिकायतें पहुंचती है और इतनी ही संख्या में सीएम हेल्प लाइन लंगती है। इसके बाद पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि की ओर से प्रतिदिन एक सौ से डेढ़ सौ शिकायतें पहुंचती हैं। हर दिन ढाई सौ से अधिक शिकायतें मिलती हैं। प्रयास रहता है कि सभी शिकायतों का निपटारा समय पर हो, पर स्टाफ की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.