2018 में पहली बार बने थे मंत्री
गोविंद राजपूत वर्ष 2003, 2008 व 2018 में कांग्रेस से जीते। 2018 में कांग्रेस सरकार बनने पर पहली बार वह मंत्री बने। इसके बाद 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ी, तो उनके साथ वह भी भाजपा में शामिल हुए। 2020 में हुए विधानसभा के उपचुनाव में वे भाजपा के प्रत्याशी बने और जीते। इसके बाद वे दूसरी बार मंत्री बने। 2023 में उन्होंने सुरखी क्षेत्र से पांचवी जीत हासिल की है। इससे पहले वे कांग्रेस में रहते हुए 1998 में भाजपा के भूपेंद्र सिंह से 193 मतों व 2013 में भाजपा की पारुल साहू केसरी से 141 मतों से पराजित हुए थे। गोविंद सिंह राजपूत छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े हैं। वे युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी चुके हैं।
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