इस दिन से शुरू होगा पौष माह, पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

इंदौर।  पौष माह मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होता है। इस माह में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इस दौरान सूर्य की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसे छोटा पितृ पक्ष माना जाता है। इस वर्ष पौष माह 27 दिसंबर 2023, बुधवार से प्रारंभ होगा। इस माह को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। पौष माह में अगर कुछ उपाय किए जाएं, तो वे बहुत फलदायी साबित होते हैं। आइए, जानें ये खास उपाय कौन-से हैं।

पौष माह उपाय

  • पौष माह में पूजा-पाठ का काफी महत्व होता है। इस महीने में सूर्य देव की पूजा करने की परंपरा है। हर दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। जल में लाल फूल, रोली, गुड़ और अक्षत भी डालें। जल चढ़ाते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें, इस उपाय को करने से व्यक्ति उच्च पद पर पहुंचता है।
  • पौष माह के प्रत्येक रविवार को व्रत रखें और विधि-विधान से पूजा करें। यदि उपवास करना संभव न हो, तो नमक का प्रयोग न करें। ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम हो जाता है।
  • पौष माह में दान-पुण्य का कार्य जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि इस दौरान गर्म कपड़े, कंबल, गुड़, दाल और तांबे के बर्तन का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और सुख-शांति बनी रहती है।
  • पौष माह में भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है। पौष महीने में श्री हरि विष्णु के नामों का जाप करना चाहिए। साथ ही मंदिर जाकर भी दान-पुण्य करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.