एक ही पौधे में उग रहे बैगन और टमाटर, भोपाल के किसान ने अपनाई ग्राफ्टिंग तकनीक

भोपाल। सब्जी का स्वाद बढ़ाने के लिए बैगन के साथ टमाटर मिलाने का काम रसोई में होता रहा है लेकिन भोपाल के किसान ने एक ही पौधे में बैगन और टमाटर के फल उगाने शुरू किए हैं। उन्होंने ग्राफ्टिंग की तकनीक अपनाकर ऐसा किया है।

खास बात यह भी है कि जिस पौधे में ये दोनों सब्जियों की फसल एक साथ ली जा रही है, उसकी जड़ जंगली पौधे की है। जड़ जनित रोगों से निजात पाने के लिए किसान मिश्रीलाल ने कृषि विज्ञानियों के मार्गदर्शन में लंबे समय तक प्रयोग करने के बाद इस तकनीक में सफलता प्राप्त‍ की है।

काले रंग का गेहूं, नीला आलू और लाल रंग की भिंडी उगाकर सुर्खियों में रहने वाले भोपाल के खजूरीकलां के किसान मिश्रीलाल राजपूत फिर चर्चा में हैं। इस बार इन्होंने अपने खेत में एक ही पौधे से टमाटर और बैगन की फसल लेना शुरू किया है।

मौसम के अनुसार बैगन तो बिक्री के लिए बाजार भी जाने लगे हैं। टमाटर में फूल लगाने के साथ छोटे-छोटे फल लगने लगे हैं। सफल प्रयोग से उत्साहित होकर उन्होंने खेत में शिमला मिर्च के साथ अन्य किस्मों की फसल भी एक ही पौधे से लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

इस तरह करते हैं ग्राफ्टिंग मिश्रीलाल ने बताया कि इस प्रयोग के लिए बैगन की जंगली प्रजाति के पौधे का चयन किया जाता है। टमाटर एवं बैगन के पौधे अलग से तैयार किए जाते हैं। इसके बाद जंगली पौधे के तने से टमाटर एवं बैगन के पौधे को ग्राफ्टिंग करके संबद्ध कर दिया जाता है।

सफल ग्राफ्टिंग होने पर टमाटर, बैगन के मूल पौधे की जड़ों को अलग कर दिया जाता है। इसके साथ ही जंगली प्रजाति के पौधे की जड़ से टमाटर एवं बैगन के पौधों का पोषण होने लगता है।

उकसा रोग से मिली निजात उन्होंने बताया कि वह बैगन और टमाटर की फसल में लगने वाले उकसा रोग (फसल का सूखना) से काफी परेशान थे। वर्तमान में भी उनके खेत में सामान्य बैगन की फसल में उकसा रोग लग गया है लेकिन ग्राफ्टिंग तकनीक से लगे पौधे सुरक्षित हैं।

किसान ने ग्राफ्टिंग की रूट स्टोक तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस पद्धति से फसल को मृदा जनित बीमारियों से मुक्ति मिलती है। उत्पादन भी बढ़ता है। इस तकनीक से एक ही पौधे में तीन से चार किस्म की सब्जियों की फसल भी ली जा सकती है।

– डा. भोपाल सिंह अध्यक्ष भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली पूसा

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.