शासकीय अस्पताल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था, कड़कड़ाती ठंड में खाली बोरियों का सहारा लेने मजबूर हुए मरीज
धीरे-धीरे ठण्ड का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। शासकीय अस्पताल मे ठंड से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं होने से भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती महिलाओं को रात में ओढ़ने के लिए कंबल नहीं देते औऱ ना ही 6 दिनों से पलंग पर बिछाने की चादर बदली गई है। अस्पताल प्रबंधन अपनी इस कमी को छिपाने के लिए मरीजों पर ही कंबल चादर चुरा ले जाना का आरोप लगा देता है, लेकिन खुद की गलती नहीं देखता। बता दें कि विगत तीन दिनों से ठिठुरा देने वाली सर्दी पड़ रही है। जिससे रात का पारा 9 डिग्री तक लुढ़क गया है। वहीं बदलते मौसम में जिला अस्पताल के व्यवस्थाएं चरमराने लगी है। महिला वार्ड में 6 दिन से भर्ती मरीजों को कंबल और चादर नहीं दिए गए हैं। सर्दी से बचाव के लिए लोग अपने घरों से या अन्य तरीके से व्यवस्था करके काम चला रहे हैं।
निजी कपड़े से ले रहे सहारा
आपको बता दें कि सर्दी के तेवर तीखे होते ही जिला अस्पताल में भर्ती होने वालो की परेशानियां भी बढ़ने लगी है। नए भर्ती होने वालों को सर्दी से बचाव के लिए पलंग पर बिछाने और ओढ़ने के लिए घर या बाजार से कंबल और चादर आदि की व्यवस्था करनी पड़ रही है। बीते 6 दिनों के दौरान दूर दराज गांवों से आकर भर्ती हुई महिलाओं को कंबल औऱ चादर नहीं दिए गए। ऐसे में पलंग का ठंडा कवर परेशानी बढ़ा देता है। इससे बचाव के लिए किसी ने खाद की खाली बोरियों की पाल बिछाई है तो किसी ने निजी कपड़े बिछाए हैं।
वहीं रोगियों के साथ देखभाल के लिए एक-एक परिजन भी आते हैं। ऐसे में घर से लाए कपड़े, कंबल रोगी उपयोग करता है, तब परिजन सर्दी में रात भर ठिठुरते हैं। ठंडा फर्श तकलीफ बढ़ा देता है। इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि जिला अस्पताल में कंबल पर्याप्त मात्र मे उपलब्ध है जिन मरीजों को आवश्यकता रहती है उनको स्टॉफ नर्स कंबल देती है।
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