ये है राजधानी के सरकारी अस्तपालों का हाल… हमीदिया और जेपी अस्पताल में टोकन सिस्टम फेल, मरीज परेशान

भोपाल। राजधानी के जिला अस्पताल में सुबह से कतारें लगनी शुरू हो गईं। दिन चढ़ते-चढ़ते 11.30 बजे तक ओपीडी के बाहर 15 से 20 रोगी तक पर्चा कटाने के लिए कतार में लगे हुए थे। यह हाल तब है, जब यहां पर तीन महीने पूर्व से टोकन सिस्टम शुरू कर दिया गया है। दरअसल पर्चा कटाने से लेकर चिकित्सक को दिखाने तक टोकन सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। रोगियों और उनके स्वजनों के सामने कतार में लगने के अलावा कोई चारा नही बचता। कुछ ऐसा ही हाल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया में है। यहां भी टोकन सिस्टम लागू होने के बावजूद रोगियों को कतार में लगकर उपचार नसीब होता है। अस्पताल प्रबंधन भी अपनी विफलता स्वीकार कर चुके हैं लेकिन सुधार के प्रयास करते नहीं दिख रहे।

कतार प्रबंधन सिस्टम फेल

जिला अस्पताल में बुधवार की ओपीडी 800 की रही। मरीजों की सुविधा को लेकर शुरू किया गया क्यू मैनेजमेंट सिस्टम काम करता नजर नहीं आया। ओपीडी के साथ सिस्टम के डिस्प्ले अस्पताल के मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, नेत्र, हड्डी वार्ड, शिशु वार्ड, डेंटल वार्ड, मेडिकल वार्ड में तो लगे दिखे लेकिन इस पर नंबर डिस्प्ले नहीं हो रहे थे। कुल मिलाकर लाखों के खर्च के बाद भी व्यवस्थाएं पहले की तरह लचर हैं जो यहां रोजाना देखा जा सकता है।

यह है कतार प्रबंधन

हमीदिया एवं जिला अस्पताल में कतार प्रबंधन (क्यू मैनेजमेंट) या टोकन व्यवस्था को लागू किया है। इसके तहत मरीजों को एकीकृत खिडक़ी से ओपीडी पर्ची कटाने के साथ ही टोकन मिलता है। टोकन की पर्ची में नंबर, डाक्टर कक्ष क्रमांक दर्ज होता है। इस तरह मरीजों को कतार में नहीं लगना पड़ता। असुविधा से बचाने टोकन नंबर से डाक्टर इलाज करते है। लेकिन ऐसा अभी भी दोनों अस्पतालों में नहीं हो पा रहा है।

फेल होने का यह भी एक कारण

ओपीडी का क्यू मैनेजमेंट सिस्टम फेल होने का एक कारण आभा बारकोड भी है। जिसको स्कैन कर मरीज का पर्चा तो बनवा लेते हैं लेकिन डाक्टर के लिए टोकन नंबर नहीं रहता। ऐसे में मरीज को फिर पर्चा निकलवाना पड़ता है। अस्पताल प्रबंधन व्यवस्था को सुचारू तरीके से लागू नहीं कर सका है।

इनका कहना है

जेपी में क्यू सिस्टम चल रहा है, लेकिन कुछ सिस्टम में बदलाव के कारण व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। हम प्रयास करेंगे कि डाक्टरों के पास भी मरीज क्यू सिस्टम से पहुंचे।

– डा. राजेश श्रीवास्तव, सीएस, जेपी अस्पताल

हम प्रयास कर रहे हैं कि टोकन लेकर कतार प्रणाली से मरीजों को उपचार मिल सके। लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण सिस्टम को विकसित नहीं किया जा पा रहा है। हम फिर भी इस ओर तेजी से प्रयास कर रहे हैं।

– डा. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल

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