Vastu Tips for 2024: नए साल में घर में आएगी सुख समृद्धि, इन वास्तु नियमों के साथ सजाएं घर

इंदौर। साल 2024 की जल्द शुरुआत होने वाली है। हर कोई चाहता है कि नए साल में उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए और घर में शांति बनी रहे। नए साल में यदि आप भी मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो हम यहां कुछ ऐसे वास्तु नियमों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पालन करके आप सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी दे रहे हैं वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे।

घर में लगाएं विंड चाइम

वास्तु शास्त्र में विंड चाइम को बहुत शुभ माना जाता है। इससे निकलने वाली ध्वनि घर से नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा देती है। यही कारण है कि घर में विंड चाइम लगाने की सलाह दी जाती है।

घर में लगाएं हरियाली वाला फोटो

वास्तु के अनुसार, घर के दक्षिण-पूर्वी कोने या दीवार पर हरियाली वाला फोटो लगाना भी शुभ होता है। इसके अलावा घर में उड़ते हुए पक्षी का फोटो लगाने से भी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। घर में हंस की फोटो लगाना भी शुभ माना जाता है। इससे धन संबंधी समस्या दूर हो जाती है।

लाफिंग बुद्धा

वास्तुशास्त्र में लाफिंग बुद्धा को सुख-समृद्धि का खजाना माना जाता है। लाफिंग बुद्धा को घर में रखने से परिवार में खुशियां आती हैं। परिवार में आपसी मनमुटाव नहीं होता है और परिवार के सदस्यों के बीच प्यार बना रहता है। नए साल में आप लाफिंग बुद्धा भी अपने घर ला सकते हैं। इसे ड्राइंग रूम में मुख्य द्वार की ओर रखना चाहिए।

बांस का पौधा

वास्तु शास्त्र में बांस के पौधे को समृद्धि और लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। यह मान्यता है कि इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। बांस के पौधे को हमेशा घर के ड्राइंग रूम में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में यह मान्यता है कि बांस का पौधा घर में रखते हैं तो इससे धन आकर्षित होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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