देव गुरु बृहस्पति 31 दिसंबर को मेष राशि में होंगे मार्गी, राशि के अनुसार करें ये उपाय

इंदौर। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को एक प्रभावशाली ग्रह माना गया है। देव गुरु बृहस्पति जब भी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो सभी राशियों पर इसका प्रभाव होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर 2023 को सुबह 07.08 बजे देवताओं के गुरु बृहस्पति मेष मार्गी होने जा रहे हैं।

बृहस्पति ग्रह और मेष राशि

हिंदू ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरु ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में है तो जातक को उच्च शिक्षा प्राप्त होती है और जज, काउंसलर, बैंकर, धर्म गुरुओं और फिल्म आदि के कार्यक्षेत्र में उसे अच्छी सफलता मिलती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए राशि के अनुसार ये उपाय जरूर करना चाहिए।

  • मेष राशि: नियमित रूप से पिता और गुरु को प्रणाम करें और आशीर्वाद लें।
  • वृषभ राशि: गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले रंग के फूल अर्पित करें।
  • मिथुन राशि: गुरुवार को गाय को चने की दाल और गुड़ के आटे की लोई खिलाएं।
  • कर्क राशि: प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें और जल चढ़ाएं।
  • सिंह राशि: जरूरतमंद छात्रों को स्टेशनरी का सामान दान करें।
  • कन्या राशि: घर पर सत्यनारायण पूजा करें या कोई धार्मिक कार्य करें।
  • तुला राशि: गुरुवार के दिन पुजारी को बूंदी के लड्डू दान करें। भूखे लोगों को खाना खिलाएं।
  • वृश्चिक राशि: रोज 108 बार बृहस्पति ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
  • धनु राशि: गुरुवार को तर्जनी उंगली में सोने की अंगूठी में पुखराज जड़वाकर धारण करें।
  • मकर राशि: गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें और जल चढ़ाएं।
  • कुंभ राशि: गुरुवार का व्रत करें और अपने का सम्मान करें।
  • मीन राशि: पीले रंग के कपड़े अधिक पहनने का प्रयास करें। पीले रंग का रुमाल अपने पास रखें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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