इंदौर। कुछ दिनों में सब्जियों के दाम एकाएक बढ़ने लगे हैं। सर्दियों के इस मौसम में हरी सब्जियों की महंगाई लोगों को हैरान कर रही है। दरअसल इस मौसम में सब्जियों की न केवल प्रचुरता रहती है बल्कि दाम भी साल में सबसे कम इसी दौरान देखे जाते हैं। सप्ताहभर पहले तक बाजार में यह स्थिति भी थी। अब अचानक दाम बढ़ने लगे हैं और लोगों की थाली से फिर सब्जियां बाहर होने लगी है।
सप्ताहभर में कई सामान्य मानी जाने वाली सब्जियों के भाव में एकाएक वृद्धि देखी गई है। गिलकी, भिंडी जैसी सामान्य सब्जियां खेरची बाजार में 70-80 रुपये किलो के दाम पर बिक रही है। मटर जो इस मौसम की खास और सबसे प्रचलित सब्जी माना जाता है उसके दाम भी 40 से 50 रुपये किलो से कम नहीं हो रहे। मटर की आवक बढ़ने पर अन्य सब्जियों के दाम गिरने लगते हैं। ऐसे में इस मौसम में मैथी, पालक और पत्तेदार सब्जियां काफी सस्ती बिकती है। हालांकि बीते वर्षों से अलग हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं।
मैथी-पालक जैसी पत्तेदार सब्जियां बीते दिनों तक 20-30 रुपये किलो बिक रही थी। अब फिर से 50 से 80 रुपये किलो बिकने लगी है। अहिल्याबाई होलकर थोक मंडी के कारोबारी इमरान राइन के अनुसार सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी के पीछे इस बार मौसम का बदला मिजाज है। बीते वर्षों तक मावठा दिसंबर अंत: में गिरता था। इस बार मावठा नवंबर में ही बरस गया। इसका असर ये हुआ कि खेतों में बोई सब्जियों की फसल खराब हो गई। गुणवत्ता खराब होने से किसानों ने सब्जियों के पौधे और बेल उखाड़ फेंके।
थोक मंडी में भाव
दो सप्ताह पहले नई बुवाई हुई हैं। ऐसे में थोक मंडी में आवक अचानक कमजोर पड़ने लगी है। जबकि मौसम के लिहाज से लोग सब्जियां खाना चाह रहे हैं और खरीदी बनी है। ऐसे में दामों में उछाल आया है। थोक मंंडी में दाम दोगुने हो गए हैं। इस पर मुनाफा कमाकर दोगुने दाम पर उपभोक्ताओं को खेरची में बेची जा रही है। लिहाजा लोगों को दाम बढ़े हुए मिल रहे हैं। अगले 15 दिन तक स्थिति यही रहेगी। इसके बाद नई फसल की सब्जियां आने लगेगी और दाम फिर से सामान्य होने लगेंगे।
टमाटर और गाजर जैसी कुछ सब्जियां है जो अब भी कम दाम पर बिक रही है। गाजर राजस्थान से आ रही है जबकि टमाटर आसपास के गांवों से भरपूर मात्रा में आ रहा है।सू रजना फली गुजरात से आ रही है।
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