भोपाल। राज्य सरकार जिला अस्पतालों में भी एमआरआइ की सुविधा शुरू करने जा रही है। शुरू में इसके लिए पांच अस्पतालों को चुना गया है। जिसमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन का अस्पताल शामिल है। अच्छी बात है कि इन अस्पतालों में बाजार दर से 75 प्रतिशत कम शुल्क में एमआरआइ जांच हो सकेगी। निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) से एमआरआइ मशीनें लगाने के लिए स्वास्थ्य संचालनालय ने एजेंसी का चयन भी कर लिया है। छह माह तैयारी में लगेंगे। यानी मई 2024 तक सुविधा मिलने लगेगी।
फिलहाल अस्पतालों में इसके लिए जगह चिह्नित करने का काम चल रहा है। दो अस्पतालों में जगह मिल चुकी है। स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) दरों से भी 35 प्रतिशत कम में जांच हो सकेगी। दूसरी सुविधा यह रहेगी कि निजी डाक्टरों के लिखने पर भी जांच की जा सकेगी।
बाद में इस सुविधा का विस्तार अन्य जिला अस्पतालों में भी किया जाएगा। बता दें कि इसके पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कालेजों के अस्पतालों में पीपीपी से एमआरआइ जांच की सुविधा शुरू की है, लेकिन यहां की दरें सीजीएचएस के समान हैं।
दूसरी बात यह कि मेडिकल कालेजों में ही इतने रोगी आते हैं कि बाहर के मरीजों की जांच नहीं हो पाती। अभी जिन जिला अस्पतालों को एमआरआइ सुविधा के लिए चुना गया है वहां हर दिन ओपीडी में आने वाले रोगियों की संख्या दो हजार से ऊपर रहती है। इनमें लगभग 20 को एमआरआइ जांच की आवश्यकता पड़ती है।
दूसरी बात यह कि आयुष्मान भारत योजना के रोगियों की निश्शुल्क जांच उसी अस्पताल में हो जाएगी। अभी सुविधा नहीं होने से जिला व अन्य निचले अस्पतालों के रोगियों को खुद खर्च उठाना पड़ता है। निजी अस्पतालों में सबसे साधारण एमआरआइ जांच की शुल्क भी कम से कम छह हजार रुपये है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.