नरेंद्र सिंह तोमर निर्विरोध चुने गए मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष, सीएम ने कही ये बात

वरिष्ठ नेता उन्हें आसंदी तक लेकर आए और फिर उन्होंने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। सदस्यों ने तोमर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए नए दायित्व के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।

सर्वसम्मति से चुने जाने के बाद उन्होंने सदन के वरिष्ठतम सदस्य गोपाल भार्गव द्वारा सामयिक अध्यक्ष के रूप कार्यवाही के सफल संचालन को लेकर आभार प्रकट जताया। तोमर ने कहा कि पंडित कुंजीलाल दुबे से लेकर गिरीश गौतम तक इस लंबी यात्रा में मेरे से पूर्व अध्यक्षों ने अनेक प्रकार के मानदंड, परंपराएं स्थापित की हैं।

तोमर ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में मेरी ईमानदार प्रयास होगा कि मैं आपकी अपेक्षा के अनुसार अपने दायित्व का निर्वहन कर सकूं। आप सबने मेरे बारे में अपने विचार व्यक्त किए। मुझे नहीं मालूम कि मैं उन विचारों के योग्य हूं या नहीं लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि मेरी यह जवाबदेही है कि आपने जो भाव मेरे लिए प्रकट किए हैं उनका सम्मान करूं और उसको निभाने की पूरी कोशिश करूं।

उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र की यह खूबसूरती है कि पक्ष है तो विपक्ष है और पक्ष के बिना विपक्ष अधूरा है और विपक्ष के बिना पक्ष अधूरा है। पक्ष-विपक्ष लोकतंत्र के दो पाहिए हैं और दोनों के मजबूती के साथ कदम से कदम, कंधे से कंधा मिलाकर चलने से हम सभी लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।

तोमर ने कहा कि आसंदी पर रहते हुए मेरा प्रयास होगा कि मेरी नजर हर सदस्य पर रहे और जो अधिकार उसे मिलना चाहिए, वह उससे वंचित न हो। इस बार विधान सभा में बहुत सारे नए सदस्य चुनकर आए हैं। वरिष्ठ सदस्यों उन्हें अपने अनुभव का लाभ दें। सामान्य तौर पर, जो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य है, उस पर भौतिक भूमिका ज्यादा है और इसलिए कई बार अध्ययन का पक्ष ओझल हो जाता है और जो अध्ययन की शून्यता है, वह निश्चित रूप से किसी भी मनुष्य को शार्टकट ढूंढ़ने के लिए विवश करती है इसलिए पुस्तकालय का उपयोग नए सदस्यों को करना ही चाहिए। पुराने सदस्यों को भी यह नहीं मानकर चलना चाहिए कि वह सब सीख गए हैं।

उपाध्यक्ष का पद प्रतिपक्ष को मिले

विधानसभा में उप नेता हेमंत कटारे ने अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद उपाध्यक्ष पद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुना गया है, उसी तरह परंपरा का निर्वहन करते हुए उपाध्यक्ष का पद प्रतिपक्ष को दिया जाना चाहिए।

मध्य प्रदेश विधानसभा में 13 और सदस्यों ने ली शपथ

मध्य प्रदेश में 16 वीं विधानसभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नवनिर्वाचित 13 विधायकों को शपथ दिलाई गई। सुबह 11 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू हुई। दूसरे दिन सदन में सबसे पहले गोविंद सिंह राजपूत को विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव ने शपथ दिलाई। इसके बाद रमेश मेंदोला, ऊषा ठाकुर, रजनीश हरवंश सिंह, उमाकांत शर्मा, सुनील उईके सहित 13 विधायकों ने शपथ ली।

शपथ दिलाने के बाद विधानसभा के भूतपूर्व दिवंगत सदस्यों एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. एमएस गिल के निधन का सदन में उल्लेख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने दिवंगत भूतपूर्व दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि दी और उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का उल्लेख किया।

बता दें कि सत्र के पहले दिन सोमवार को 207 नवनिर्वाचित विधायकों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली थी। इनमें से 10 विधायकों ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की। दो अन्य विधायक आरिफ मसूद ने उर्दू में और कमलेश्वर डोडियार ने अंग्रेजी में शपथ ली थी।

भाजपा विधायकों क मुख्यमंत्री ने कराया भोज

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंगलवार को भाजपा विधायकों को अपने विंध्य कोठी स्थित निवास पर भोज कराया। हंसी ठिठोली के बीच नवनिर्वाचित विधायकों ने लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भी चर्चा की। भोज में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, सामयिक अध्यक्ष गोपाल भार्गव सहित लगभग सभी विधायक शामिल हुए।

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