भोपाल। सर्द हवाओं ने प्रदेश में ठिठुरन और बढ़ा दी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। वहां से लगातार आ रही उत्तरी हवाओं से प्रदेश में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है।
इसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश में सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस दतिया में दर्ज किया गया। उमरिया में 6.5 एवं रीवा में 6.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस पर रहा। प्रदेश के 20 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया।
उधर, इस सीजन में पहली बार सिवनी में शीतलहर चली। मंगलवार को खंडवा में तीव्र शीतल दिन रहा, जबकि सिवनी, बैतूल, मलाजखंड एवं खरगोन में में शीतल दिन रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर द्रोणिका के रूप में बना पश्चिमी विक्षोभ भी आगे बढ़ गया है। साथ ही अभी कोई मौसम प्रणाली सक्रिय भी नहीं है। हवा का रुख उत्तरी बना हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वर्तमान में लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तरी हवा चल रही है। इससे जहां रात के समय ठिठुरन बनी हुई है, वहीं दिन में भी सिहरन बढ़ गई है।
इसके चलते कई शहरों में कोल्ड डे (शीतल दिन) रहने के भी आसार बढ़ गए हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है। 22 दिसंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। उसके प्रभाव से मौसम के मिजाज में बदलाव आ सकता है। रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने से ठंड से कुछ राहत मिलने की संभावना है।
कब चलती है शीतलहर
ठंड के सीजन में जब रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो। साथ ही सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम पर चला जाता है, तो शीतलहर की घोषणा की जाती है। तीव्र शीतल दिन के मायने जब किसी शहर में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहे। साथ ही दिन का तापमान यदि सामान्य से पांच डिग्री कम रहे, तो शीतल दिन घोषित किया जाता है। यदि तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस से कम रहे, तो तीव्र शीतल दिन माना जाता है।
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