शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे स्‍कूल, नहीं कम हो रहा बच्चों के बैग का वजन

पेटलावद। स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए थे कि कक्षा एक से दसवीं तक के बच्चों के बस्तों का वजन निर्धारित करें और उसी के मुताबिक प्रवेश दें। इसके बावजूद शिक्षण संस्थाएं आदेश का सीधा उल्लंघन कर रही हैं। आदेश के बाद लगभग दो माह तक तो शिक्षण संस्थाओं ने नियमों का पालन किया, लेकिन अब वापस पुराने ढर्रे पर हैं। जिससे बच्चों को फिर भारी-भरकम बैग लेकर स्कूल जाना पड़ रहा है।

इस मामले स्थानीय शिक्षा विभाग का अमला लापरवाह बना हुआ है। अभी तक इस आदेश का पालन कराने की जहमत तक अमले ने नहीं उठाई है। यही कारण है कि बच्चों के कंधे भारी-भरकम बैग के वजन से झुकते चले जा रहे हैं।

ये है नियम

मध्‍य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से स्कूल बैग पालिसी के तहत प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी व अनुदान प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वजन तय किया गया था। इसमें कक्षा पहली के विद्यार्थी एक किलो 600 ग्राम से लेकर दो किलो 200 ग्राम तथा कक्षा दसवीं के विद्यार्थी दो किलो 500 ग्राम से चार किलो 500 ग्राम वजन के बैग लेकर ही स्कूल जा सकेंगे।

सरकार के नए नियमों के तहत कक्षा दूसरी में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कोई भी गृहकार्य नहीं दिया जाएगा तथा कक्षा 11 व 12 के बस्तों का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषय स्ट्रीम के आधार पर तय किया गया था। सरकार के आदेश क्रिया क्रियान्वयन जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिकता के साथ कराना था और संपूर्ण जिले की शालाओं में प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग में निरीक्षण करके वजन की जांच करना थी। स्कूल बैग का वजन निर्धारित सीमा में हो इसका पालन भी सख्ती से कराना था, लेकिन ऐसा नही हो सका।

स्कूलों को करना था इन नियमों का पालन

नियमों की बात की जाए तो स्कूलों को नोटिस बोर्ड व कक्षा में बस्ते के वजन का चार्ट चस्पा करना था। बैग के वजन में स्कूल डायरी का वजन भी सम्मिलित किया गया था। शाला प्रबंधन समिति द्वारा इस मामले में समय सारणी तय की जाना थी, इसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन उपयोग की पुस्तकें व कापियां लाने के लिए निर्देशित करना था। कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को अभ्यास सामग्रियों को शाला में ही रखने की व्यवस्था करना थी।

नोटिस जारी करेंगे

पेटलावद बीईओ राकेश कुमार यादव का कहना है कि बीआरसी व पूरी टीम के साथ नगर व क्षेत्र में संचालित सभी अशासकीय शिक्षण संस्थाओं का निरीक्षण किया जाएगा। यदि कोई स्कूल न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करता पाया गया तो उसको कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई हेतु वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार किया जाएगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.