इंदौर। भारतीय संस्कृति में विवाह को विशेष दर्जा दिया गया है। भारत में शादी सामाजिक परंपरा है। जिसमें दो लोग परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए एक दूसरे का हाथ थामते हैं। विवाह की एक रस्म मेहंदी है। जिसमें इसे दूल्हा और दुल्हन के हाथों और पैरों पर लगाया जाता है। शादी में मेहंदी लगाने की रस्म अधिकांश प्रदेशों में प्रचलितहै। यह रस्म शादी से पहले निभाई जाती है। इसमें दुल्हन के हाथों और पैरों पर मेहंदी से खूबसूरत और आकर्षक डिजाइन बनाए जाते हैं।
विवाह में मेहंदी इतनी महत्वपूर्ण क्यों है
विवाह में मेहंदी लगाने की रस्म का धार्मिक और सामाजिक महत्व है। मेहंदी को सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस रस्म से दुल्हन की सुंदरता में निखार आता है। हिंदू धर्म में 16 आभूषणों का उल्लेख है। जिनमें मेहंदी शामिल है। मेहंदी को प्रेम की निशानी माना गया है। इसके रंग के बारे में कहा जाता है कि जितना अधिक चमकीका होगा। दुल्हन का पति उससे उतना ही अधिक प्यार करेगा।
मेहंदी लगाने के फायदे
मेहंदी की प्रकृति ठंडी होती है। यह शरीर के तापमान को बनाए रखकर ठंडक पहुंचाती है। प्राचीन काल में मेहंदी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता था।
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