धार। मप्र के धार जिले में बाग स्थित डायनासोर जीवाश्म पार्क को यूनेस्को जियो पार्क के रूप में विकसित करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। लखनऊ की बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आफ पेलियो साइंसेज के तीन विज्ञानियों ने जियो हेरिटेज से जुड़ी साइट का दौरा किया।
विज्ञानियों का दल वैज्ञानिक मान्यता और प्रामाणिकता के साथ यूनेस्को को दस्तावेज प्रस्तुत करेगा। यदि इसमें सफलता मिलती है तो बाग का पार्क देश का पहला यूनेस्को जियो पार्क बन जाएगा और यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
बता दें कि दो साल की कार्ययोजना के तहत ग्लोबल जियो पार्क के रूप में मान्यता देने के लिए सभी भू-विज्ञानी बाग तथा आसपास के जीवाश्म क्षेत्र में मौजूद है। इसी वजह से जुलाई-2023 में वन विभाग ने जीवाश्म विज्ञान से जुड़ी लखनऊ की विज्ञानी संस्था के साथ एमओयू साइन किया था।
ओपन म्यूजियम का नाम नर्मदा जीवाश्म विहार प्रस्तावित
बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट की ओर से निदेशक डा. महेश ठक्कर, डा. शिल्पी और डा. विवेशवीर कपूर ने वन विभाग के अधिकारियों, इको टूरिज्म की सीईओ समिता राजौरा के साथ वर्कशाप में हिस्सा लिया। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, जिला पंचायत के सीईओ शृंगार श्रीवास्तव की मौजूदगी में धार में बैठक हुई।
इसमें पार्क की योजना को लेकर चर्चा हुई। खासकर ओपन म्यूजियम को शीघ्र पूरा करने की बात हुई। इस ओपन म्यूजियम का नाम नर्मदा जीवाश्म विहार रखा जाना प्रस्तावित है।
पार्क के विकास के विशेष प्रयास – धार जिले में बाग के नजदीक डायनासोर नेशनल पार्क वर्ष 2011 में घोषित हुआ था, लेकिन इसके विकास को लेकर विशेष प्रगति नजर नहीं आई। गत वर्ष से इको टूरिज्म बोर्ड की सीईओ समिता राजौरा ने पार्क के विकास लिए विशेष प्रयास किए।
देश में एक भी यूनेस्को जियो पार्क नहीं
समूचे भारत में एक भी यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क नहीं है। जबकि, दुनियाभर के 46 देशों में 195 यूनेस्को जियो पार्क हैं। अब भारत में पहला यूनेस्को पदनाम दिलाने के लिए धार जिले में गतिविधियां चल रही हैं। इसी के तहत सात और आठ दिसंबर को लखनऊ के साथ फील्ड वर्कशाप आयोजित की गई थी।
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