इंदौर। मप्र सिविल जज भर्ती परीक्षा में तीन वर्ष से कम वकालत वाले अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने की सशर्त अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट की युगल पीठ ने इस संबंध में प्रस्तुत याचिका की सुनवाई करते हुए यह राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने के साथ ही हाई कोर्ट से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा है कि जिन अभ्यर्थियों को सशर्त अनुमति दी गई है, उनके परिणाम फिलहाल घोषित नहीं किए जाएंगे। गौरतलब है मप्र हाई कोर्ट की युगल पीठ एक दिन पहले ही इस भर्ती परीक्षा में उन्हें भी आवेदन की अनुमति दे चुकी है, जिन्होंने तीन वर्ष में अपने नाम से हर वर्ष कम से कम छह महत्वपूर्ण आदेश कोर्ट से नहीं कराए हैं।
यह है पूरा मामला
मप्र हाई कोर्ट ने व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा के लिए 17 नवंबर को विज्ञापन जारी किया था। इसमें अभ्यर्थी के लिए एलएलबी की डिग्री की न्यूनतम डिग्री के साथ दो शर्त भी रखी गई थीं। इनमें से एक को पूरा करना जरूरी था।
इनमें एक थी कि अभ्यर्थी ने एलएलबी की सभी परीक्षाएं पहले प्रयास में पास करते हुए 70 फीसदी न्यूनतम अंक लिए हो। वहीं दूसरी अर्हता थी कि तीन सालों में प्रत्येक साल कम से कम छह अहम आदेश कोर्ट से जारी करवाएं हो।
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