सागर । मप्र में भाजपा के फिर सत्ता में आने का प्रमुख कारक मानी जा रही लाड़ली बहना योजना को लेकर सागर जिले के महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा जारी एक आदेश के इंटरनेट मीडिया पर शुक्रवार को बहुप्रसारित होने के बाद भोपाल तक हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री बदलने के बाद लाड़ली बहना योजना में छंटनी शुरू होने संबंधी इस आदेश जारी होने की जानकारी लगते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और उक्त आदेश को तत्काल निरस्त करने संबंधी दूसरा आदेश जारी किया गया।
मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की स्वीकृति के बिना यह आदेश कैसे जारी हुआ, इस संबंध में सभी चुप्पी साधे हुए हैं और कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। दरअसल, प्रदेश में तीन दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद जहां सरकार बनाने की कवायद चल रही थी, वहीं परिणाम के दूसरे दिन चार दिसंबर को सागर में महिला बाल विकास अधिकारी ने एक आदेश जारी कर दिया। इसमें लिखा था कि यदि किसी पर्यवेक्षक या किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका या स्व सहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव या समूह के अन्य सदस्यों द्वारा लाड़ली बहना योजना का शासन द्वारा निर्धारित शर्तों के विपरीत लाभ लिया गया है तो 15 दिन के भीतर लाभ परित्याग कर दें। यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो शर्तों से विपरीत लाभ लेने पर कार्रवाई के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगी। यह आदेश पत्र शुक्रवार को वायरल होने के बाद महिलाओं में हड़कंप मच गया और योजना के बंद होने को लेकर चिंता व्यक्त की जाने लगी।
निरस्त आदेश – महिला बाल विकास अधिकारी के आदेश को निरस्त करने वाले आदेश में जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश त्रिपाठी ने कहा है कि लाभ परित्याग संबंधी आदेश पूरी तरह अस्पष्ट होने एवं संचालनालय महिला एवं बाल विकास से इस प्रकार का कोई पत्र जारी नहीं करने के निर्देश मिले हैं। इस कारण यह आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। फिलहाल इस मामले में किसी अधिकारी के खिलाफ विभाग एवं प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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