जबलपुर। पुलिस के तमाम शासकीय आवासों पर पुलिस जवानों ने ही कब्जा कर रखा है। ऐसा करने वाले एक आरक्षक को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है। आरक्षक अभिषेक राजपूत ने नवनिर्मित शासकीय अावास का ताड़ा तोड़कर उसमें डेरा जमा लिया था। बिना आवंटन व सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए बगैर करीब पांच माह से वह शासकीय आवास में डेरा जमाए बैठा है।
आवास खाली कराने की प्रक्रिया की जा रही है
निलंबन के बाद आरक्षक से शासकीय आवास खाली कराने की प्रक्रिया की जा रही है। इस आरक्षक की हरकत को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने जिले के समस्त पुलिस आवासों के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में पुलिस के कई शासकीय आवासों पर अवैध कब्जे का पता चला है। सेवानिवृत्त व बर्खास्त जवान भी आवासों में डेरा जमाए हुए हैं।
यह है स्थिति
जिले में पुलिस पुलिस विभाग में 4360 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 3578 पद भरे हुए हैं तथा शेष पद रिक्त हैं। जबकि विभाग के पास लगभग 1300 शासकीय आवास उपलब्ध हैं। 448 भवन कंडम हो चुके हैं। जवानों की संख्या ज्यादा व आवास कम होने के कारण तमाम जवान वर्षों से शासकीय आवास के लिए प्रतीक्षा सूची से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। नए आवास न मिलने के कारण तमाम जवान कंडम आवासों में जान जोखिम में रखकर निवास करने मजबूर हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शासकीय आवास के लिए 500 से ज्यादा आवेदन विचाराधीन हैं।
पुलिस की संपत्ति पर कब्जा
छोटी ओमती, मिलौनीगंज, लटकारी का पड़ाव, श्रीनाथ की तलैया, कोतवाली, फूटाताल में पुलिस की अचल संपत्ति पर कब्जा जमा लिया गया है। यहां निर्मित आवासाें में न सिर्फ विभाग के सेवानिवृत्त व बर्खास्त जवान कब्जा किए बैठे हैं बल्कि बाहरी लोगों द्वारा भी अवैध रूप से कब्जा किए जाने की जानकारी सामने आई है। पुलिस अधीक्षक ने विभाग की अचल संपत्ति की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैंं।
शासकीय आवासों में नियम विरुद्ध तरीके से निवास करने वाले जवानों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय आवास में कब्जा करने वाले एक आरक्षक को निलंबित किया गया है। शासकीय आवासों में निवासरत जवानों को नियमानुसार रखरखाव का खर्च जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय आवासों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।
आदित्य प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक।
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