इंदौर। वास्तु शास्त्र के नियमों को मानकर घर के माहौल को सकारात्मक किया जा सकता है। वास्तु शास्त्र के नियमों में घर की हर छोटी से छोटी वस्तु का उपाय होता है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर के बाहर से नकारात्मकता का प्रवेश होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार घर के बाहर परिवर्तन कर नकारात्मकता को रोक सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने विस्तार से बताया कि घर के मुख्य द्वार पर लिखकर नकारात्मकता घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।
घर के बाहर या मुख्य द्वार पर मंत्र लिखें
घर के मुख्य द्वार पर मंत्र लिखने से नकारात्मकता घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। घर में सिर्फ सकारात्मकता ही का आगमन होता है। आप ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ गण गणपतये नमः’, ‘ॐ हनु हनुमंते नमः’ आदि मंत्र लिख सकते हैं। इन मंत्रों में विशेष ऊर्जा होती है।
घर के बाहर या मुख्य द्वार पर वचन लिखें
घर के मुख्य द्वार पर प्रभु का जाप लिखना चाहिए। आप जय-जय श्री राम, जय बजरंगबलि, जय-जय श्री राधे, राम-राम, श्याम-श्याम, राधे-राधे, जय माता दी लिख सकते हैं। इस तरह के धार्मिक शब्दों में गजब की ऊर्जा होती है। यह घर में नकारात्मकता के प्रवेश को रोकता है।
घर के बाहर या मुख्य द्वार पर नाम लिखें
घर का नाम हमें ज्योतिष और वास्तु के हिसाब से रखना चाहिए। आपके घर का अगर कोई नाम नहीं हैं, तो उसे जरूर रखें, लेकिन नाम को लिखते समय यह विशेष ध्यान दें कि वह शुभ चिह्नों के साथ लिखा हो। यह आपके घर में सकारात्मकता को प्रवेश देगी।
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