सोनभद्र: उत्तर प्रदेश में सोनभद्र की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को दुद्धी (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक रामदुलार गोंड को एक नाबालिग लड़की से 9 साल पहले बलात्कार करने के अपराध में 25 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना तय है। जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, कोई भी जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की कैद होने पर ‘दोषसिद्धि’ की तारीख से सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य माना जाएगा।
इतना ही नहीं, सजा पूरी होने के बाद अगले छह साल के लिए वह सदन की सदस्यता के लिए पात्र नहीं होगा। एमपी/एमएलए अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) एहसान उल्लाह खान ने अभियुक्त पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया, जो पीड़िता के पुनर्वास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। विशेष लोक अभियोजक सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत ने 12 दिसंबर को विधायक को दोषी करार दिया था और सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर (आज) की तारीख तय की थी। फैसला सुनाए जाने से पहले गोंड के वकील ने कम से कम सजा देने का आग्रह किया और अदालत को यह भी आश्वासन दिया कि बलात्कार पीड़िता के परिवार की पूरी देखभाल आरोपी द्वारा की जाएगी।
गोंड उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। त्रिपाठी ने बताया कि यह घटना चार नवंबर 2014 की है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा- 376 (दुष्कर्म), धारा- 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत विधायक पर मुकदमा दर्ज हुआ था। घटना के समय विधायक की पत्नी ग्राम प्रधान थीं। पीड़ित लड़की के भाई की तहरीर पर म्योरपुर थाने में रामदुलार गोंड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गोंड उस समय विधायक नहीं थे और मामले की सुनवाई पॉक्सो अदालत में चल रही थी। गोंड के विधायक निर्वाचित होने के बाद मामले की सुनवाई सांसद/विधायक (एमपी/एमएलए) के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दी गई थी।
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