नवजात बच्चों की देखभाल के लिए प्रदेशभर के डाक्टरों को 19 दिसंबर से इंदौर में देंगे प्रशिक्षण

इंदौर। जन्म के बाद नवजात की उचित देखभाल करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें थोड़ी सी लापरवाही भी घातक हो सकती है। इसी को लेकर नेशनल न्योनेटोलाजी फोरम और यूनिसेफ द्वारा नवजात की जन्म के बाद किस तरह की देखभाल करनी चाहिए, इस पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेशभर के डाक्टर शामिल होंगे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश में इंदौर और ग्वालियर में आयोजित किया जा रहा है। इंदौर में यह कार्यक्रम 19 से 22 दिसंबर तक एमटीएच अस्पताल में होगा। इसके अलावा ग्वालियर में 26 से 29 दिसंबर तक आयोजित होगा। इसके लिए यूनिसेफ की ओर से डाक्टरों की टीम प्रशिक्षण देगी। कार्यक्रम में विशेष नवजात देखभाल इकाइयों के डाक्टर और नर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे नवजात को इलाज में बेहतर सुविधाएं मिल सके।

नवजात मृत्युदर को रोकना उद्देश्य

जानकारी अनुसार, कार्यक्रम में 26 डाक्टर और अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं प्रशिक्षण देने के लिए चार डाक्टर मौजूद रहेंगे। प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि जन्म के तुरंत बाद नवजात को डाक्टर और स्टाफ द्वारा बेहतर देखभाल मिल सके। बता दें कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम देश के कई जिलों में आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि नवजात मृत्युदर को रोका जा सके।

प्रशिक्षण में यह सीखेंगे डाक्टर

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूर्व परीक्षण, इंनिशियल स्टेप, उपकरण, वेंटिलेशन, इंडोट्रेकल इंटुबेशन, संचार, आपातकालीन ट्राइएजिंग और मैनजमेंट, स्तनपान, कम वजनी नवजात की देखभाल, थर्मल कंट्रोल, संक्रमण से बचाव, नवजात श्वसन की समस्या, नवजात को पीलिया होना आदि।

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