पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर लोगों की भावनाएं बेकाबू हैं। मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह जब बाढ़ वाले गणेश मंदिर आते थे तो चेहरे परिचित हुआ करते थे, लेकिन गुरुवार शाम जब वे पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में पहुंचे तो कई अनजान चेहरे भी वहां थे, जो बस अपने भैया और मामा से मिलने आए थे। कार से उतरते ही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और जब भावनाओं का समंदर उमड़ा तो शिवराज भी रो पड़े।
अपने मध्यप्रदेश की
माटी सोना उगलती है…
धरती माँ धन-धान्य से
घरों को खुशहाल बना देती है।
पसीने की कुछ बूँदों से माटी को नमन किया। आज खेतों की जुताई कर चने की बुआई की। pic.twitter.com/THzckQTmdN
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 14, 2023
बहनों की हालत तो यह थी कि वे उनसे लिपटकर रो रही थीं। ऐसे में शिवराज बहनों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देते रहे। इस दौरान कई बार वे भी भावुक हो गए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उनकी जान तो बहनों और बच्चों में बसती है। मंदिर के प्रवेश द्वार तक महिलाओं के अलग-अलग समूह अपने भाई के पास पहुंचने को आतुर थे। पूरा परिसर ‘आंधी नहीं तूफान है, शिवराज सिंह चौहान है और हमारा मुख्यमंत्री हमें वापस चाहिए’ के नारों से गूंज रहा था। शिवराज बड़े मुश्किल से मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे और भगवान गणेश की पूजा की।
लाड़ली बहनों के बीच भावुक हुए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, आंखों से छलके आंसू#ShivrajSinghChouhan #LadliBahana #MadhyaPradesh pic.twitter.com/szPhiuuYNB
— NaiDunia (@Nai_Dunia) December 14, 2023
अंतिम सांस तक टूटने नहीं दूंगा यह रिश्ता
मंदिर के पिछले हिस्से में बने परिसर में संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि मामा का रिश्ता प्यार का और भाई का रिश्ता विश्वास का है। वे इन दोनों रिश्तों को अंतिम सांस तक टूटने नहीं देंगे। आज मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन महिलाओं के लिए लखपति बहना का जो सपना बुना है, उसे पूरा करूंगा। इसके लिए दिमाग में पूरी कार्ययोजना तैयार है। अब तक सामने रहकर कार्य करता था, अब सरकार के पीछे रहकर कार्य करता रहूंगा। महात्मा गांधी ने भी तो बिना किसी पद पर रहते ही काम किया।
खेत में की बोवनी
शिवराज का कृषि प्रेम किसी से छिपा नहीं है। वे जब भी निमखिरिया स्थित अपने खेत पर पहुंचते तो एक किसान बन जाते हैं। गुरुवार दोपहर जब वे यहां पहुंचे तो कर्मचारियों से बात की और करीब एक बीघा खेत में उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर चना की बोवनी की। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं। इस नाते यहां से उनका विशेष लगाव है।
प्रतिदिन की तरह किया पौधारोपण
शिवराज सिंह बुधवार तक प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री थे। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी दिनचर्या अति व्यस्त रहती थी। कुर्सी छोड़ने के बाद वह कुछ निराले अंदाज में दिखे। हालांकि, कुछ काम रोज की तरह ही किया। प्रतिदिन की भांति वे सुबह पांच बजे उठे और एक घंटे योग और ध्यान किया। उन्होंने प्रतिदिन की तरह पौधारोपण भी किया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.