भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की ओर से 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा पांच फरवरी से शुरू हो जाएंगी। इस बोर्ड परीक्षा में छोटे-छोटे प्रश्र ज्यादा हल करने होंगे। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या कम रहेगी। परीक्षा में करीब डेढ़ माह बाकी है। इसी बीच माशिमं ने विद्यार्थियों को बदले पैटर्न पर परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए सैंपल पेपर वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। स्कूलों में सैंपल पेपर से तैयारी कराई जा रही है। साथ ही छमाही परीक्षा के बाद भी क्लास लगाकर तैयारी कराई जा रही है।
नए पैटर्न पर होंगी परीक्षाएं
गौरतलब है कि माशिमं बदले हुए पैटर्न पर इस बार परीक्षा लेगा। इसमें करीब 17 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। दरअसल, माशिमं जुलाई में सब्जेक्ट के चैप्टरों का समूह बनाकर अंक योजना जारी कर चुका है। परीक्षा की तैयारी के लिए मंडल द्वारा अपलोड किए गए सभी विषयों के सैंपल पेपर से स्कूलों में तैयारी कराई जा रही है। फिलहाल नौवीं से 12वीं तक छमाही परीक्षाएं चल रही हैं। इसके अलावा 10वीं व 12वीं की अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर सैंपल पेपर से तैयारी कराई जा रही है।
इस तरह का होगा प्रश्नों का पैटर्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न : छह अंक
रिक्त स्थानों की पूर्ति : छह अंक
सही गलत प्रश्न : छह अंक
सही जोड़ी बनाओ : छह अंक
एक वाक्य में उत्तर : छह अंक
12 प्रश्र : दो अंक
तीन प्रश्र : तीन अंक
तीन प्रश्र : चार अंक
कुल अंक : 75
विषय के समूह बनाकर जारी किए गए है अंक
माशिमं की 10वीं व 12वीं परीक्षा में पिछले साल तक विषयवार अध्यायों के अनुसार अंक योजना निर्धारित की गई थी। इसमें बताया गया था कि किस विषय के कौन-से चैप्टर से कितने अंक के प्रश्र प्रश्नपत्र में आएंगे, लेकिन इस बार इसमें बदलाव किया गया है। वर्ष 2023-24 की परीक्षा में विभिन्न विषयों के अंतर्गत अध्यायों का समूह बनाया गया है।
छुट्टी के दिन भी लग रही हैं कक्षाएं
राजधानी के कई स्कूलों में रविवार और त्योहार के दिन भी अतिरिक्त कक्षाएं लगाईं जा रही हैं। सीएम राइज स्कूलों में कमजोर विद्यार्थियों को चयनित कर उनकी जिम्मेदारी शिक्षकों को अलग से दी गई है। सीएम राइज स्कूल रशीदिया के प्राचार्य केडी श्रीवास्तव ने बताया कि 10वीं व 12वीं में कमजोर विद्यार्थियों को चयनित किया गया है। उनकी विशेष तैयारी कराई जा रही है।
10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की माशिमं की वेबसाइट पर अपलोड किए गए सभी विषयों के सैंपल पेपर से तैयारी कराई जा रही है। इसके अलावा अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं।
-आरसी जैन, प्राचार्य, निशातपुरा स्कूल
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