इंदौर। शादी की शहनाई अब सिर्फ 15 दिसंबर, 2023 तक बजेंगी। 16 दिसंबर से खरमास शुरू होगा, जो कि 14 जनवरी, 2024 तक रहेगा। इस एक महीने तक विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश समेत मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। हालांकि धार्मिक अनुष्ठान और कथा प्रवचन होते रहेंगे।
16 दिसंबर को धनु संक्रांति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आएंगे। इस दिन धनु संक्रांति होगी। इस दिन से खरमास का आरंभ होगा। 15 जनवरी, 2024 को जब भास्कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब जाकर मलमास खत्म होगा। खरमास के दौरान सूर्यदेव की गति धीमी होती है। गुरु ग्रह का प्रभाव भी कम हो जाता है।
भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ
खरमास से लेकर मकर संक्रांति और उसके बाद सूर्यदेव की आराधना करने से स्वास्थ्य में फायदा मिलता है। पौष माह में भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। देवगुरु के मंत्र जाप करना भी श्रेष्ठ होता है। वहीं, 26 दिसंबर को पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने का शुभ फल मिलेगा।
खरमास में साधनाएं करें
खरमास आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए अच्छा माह माना जाता है। इस माह भगवान के स्मरण में मन लगाना आसान होता है। इंद्रियों को काबू करने में सफलता मिलती है। खरमास कल्पवास का विधान है। इस माह में अपना समय मंत्र, जाप और शास्त्र पढ़ने में लगाएं।
डिसक्लेमर
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