इंदौर। इंदौर अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष गोपाल कचोलिया और पूर्व सचिव घनश्याम गुप्ता को अभिभाषक संघ की विशेष समिति ने नोटिस जारी कर दिया है। आरोप है कि कार्यकारिणी की मंजूरी के बिना पूर्व पदाधिकारियों ने नए सदस्यों को एंट्री दे दी। साथ ही अस्थायी सदस्यों को स्थायी भी कर दिया। विशेष समिति ने नोटिस जारी कर दोनों पूर्व पदाधिकारियों से तीन दिन में जवाब मांगा है। इस बीच दूसरा गुट इसे अभिभाषक संघ की चुनावी राजनीति से जोड़कर देख रहा है।
विशेष समिति के संयोजक सौरभ मिश्रा और सहसंयोजक संजय मेहरा ने पूर्व अध्यक्ष और सचिव को नोटिस दिया है। नोटिस में लिखा है कि चार-पांच महीने से न तो नए सदस्यों को सदस्यता देने को लेकर कोई बैठक हुई और न कार्यकारिणी ने ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी। न ही अस्थायी सदस्यों के स्थायी सदस्यता के आवेदनों पर विचार हुआ। इसके बाद भी आपके द्वारा ऐसे सदस्यों को मंजूरी देकर परिचय पत्र जारी कर दिए गए, यह अवैधानिक है। नोटिस में चेतावनी भी दी गई है कि स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने पर शिकायत स्टेट बार काउंसिल को की जाएगी।
चार-पांच महीने से नहीं हुई कोई बैठक, न कोई प्रस्ताव आया
मामले में कमेटी के सहसंयोजक संजय मेहरा ने नईदुनिया से कहा कि करीब 160 लोगों को स्थायी सदस्यता के कार्ड जारी कर दिए हैं, जबकि चार-पांच महीनों से कार्यकारिणी की कोई बैठक नहीं हुई, न विशेष समिति के पास ऐसा प्रस्ताव आया। दरअसल, जांच और प्रक्रिया के बाद ही स्थायी कार्ड जारी किए जाते हैं। स्थायी सदस्यता के लिए अभी विचार हुआ तो हमारे सामने कार्ड आए कि वे पहले ही जारी कर दिए गए हैं। लिहाजा नोटिस जारी किया गया है।
चुनाव करवाने के लिए बनी समिति
इस मामले में अभिभाषक संघ में वकीलों का दूसरा गुट इसे चुनावी राजनीति बता रहा है। दरअसल, पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में स्टेट बार काउंसिल ने चुनाव संपन्न करवाने के लिए विशेष समिति गठित की थी। समिति का काम चुनाव समय पर और सुचारु संपन्न करवाना था। दिसंबर में चुनाव होना थे, हालांकि समिति अब पूर्व पदाधिकारियों को घेरने में लग गई है।
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