ग्वालियर। बहुचर्चित रहे 10 वर्षीय मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय दिया है। विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट ने दुष्कर्मी और हत्यारे कल्लू राठौर उर्फ कल्ला को फांसी की सजा सुनाई गई है। बता दें कि काफी लंबे समय के बाद किसी जघन्य अपराध में फांसी की सजा दी गई है। सुनवाई के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशीष राठौर और नैन्सी गोयल ने शासन की ओर से पैरवी की और मजबूत साक्ष्य रखकर रेयरेस्ट आफ रेयर केस बताकर फांसी की सजा देने की मांग की।
मासूम की 20 हडि्डयां टूटी
10 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या के मामले में दिल दहलाने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई थी। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि रेप करने वाले व्यक्ति ने दुष्कर्म के बाद बड़ी बेरहमी से पत्थर से सिर कुचलकर उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी थी। रिपोर्ट के अनुसार बच्ची के चेहरे की 14 और सिर की छह, कुल 20 हडि्डयां टूटी थी। आरोपित ने एक बार नहीं बल्कि कई बार बच्ची का सिर पत्थर से कुचला था।
यह था पूरा मामला
बता दें कि रिश्ते में पिता के मामा द्वारा दरिंदगी का शिकार हुई शहर के एक इलाके में रहने वाली 10 साल मासूम बच्ची चौथी कक्षा में पढ़ती थी। उसके पिता मेहनत मजदूरी करके जैसे तैसे अपने घर का खर्चा चलाते और परिवार की गुजर बसर करते थे। पिछले वर्ष वारदात वाले दिन की दोपहर में बच्ची घर के पास अपने भाई के साथ खेल रही थी। खेलने के बाद जब भाई अकेला घर लौटा, तो स्वजन ने बच्ची के बारे में पूछा।
मासूम के भाई ने पिता को बताया कि बहन को बाबा कल्ला उर्फ कल्लू राठौर (बच्ची के पिता के मामा) आइसक्रीम दिलाने ले गए हैं। जब बच्ची अपने घर नहीं लौटी तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी और वे कल्ला के घर जा पहुंचे।
उसने बच्ची के पिता को बताया कि बच्ची आइसक्रीम और चाकलेट लेकर अपने घर के लिए लौट गई थी। स्वजन ने हजीरा थाने पहुंचकर मामले की शिकायत की। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान मासूम की अर्द्ध नग्न लाश घर से कुछ दूरी पर स्थित झाड़ियों में मिली।
वहीं शव के पास ही खून सना पत्थर भी मिला, जिसे देखकर स्पष्ट हो रहा था कि उससे कुचल कर बच्ची को मारा गया है। इसके बाद पुलिस ने प्रकरण की जांच की और आरोपित को गिरफ्तार किया। विवेचना पूर्ण होने के बाद चालान न्यायालय में पेश किया गया।
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