इंदौर। सूर्यदेव वृश्चिक राशि से निकलकर 16 दिसंबर को शाम 4.05 बजे पर धनु में प्रवेश करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही धनुर्मास की शुरुआत होगी और एक माह के लिए मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इस दौरान भगवान विष्णु की आराधना और स्नान-दान और तप का विशेष महत्व रहेगा। शहर के वेंकटेश मंदिरों में धनुर्मास उत्सव आयोजित किया जाएगा। 27वें दिन गोदा-रंगनाथ विवाह उत्सव का आयोजन होगा।
वर्ष 2023 के अंतिम वैवाहिक सीजन के लिए अब 9, 13, 14 और 15 दिसंबर विवाह के लिए मुहूर्त शेष हैं। ज्योतिर्विद् पं. विजय अड़ीचवाल ने बताया कि धनुर्मास 15 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेगा। एक माह तक विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे, लेकिन भगवत भजन, तीर्थाटन और भागवत श्रवण के लिए इसका विशेष महत्व है। इस दौरान यज्ञोपवीत और गृह प्रवेश को भी निषेध माना गया है। वर्षभर में सूर्यदेव 12 राशियों में एक-एक महीने भ्रमण करते हैं। धनुर्मास को खरमास भी कहा जाता है। धनु राशि का स्वामी गुरु है। गुरु ग्रह की राशि में सूर्य का प्रवेश होता है। यहां जब तक सूर्यदेव विद्यामान रहते हैं, तब तक वैवाहिक आयोजन नहीं होते हैं।
धनुर्मास के 30 दिन भगवान विष्णु की आराधना के
ज्योतिर्विद् आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार, धनुर्मास के 30 दिन भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष हैं। दक्षिण भारत में इस माह पर विशेष उल्लास होता है। इस माह में वैकुंठ एकादशी भी आती है। वैकुंठनाथ का पूजन किया जाता है। दक्षिण भारत का प्रमुख उत्सव गोदा-रंगनाथ का कल्याण उत्सव भी मनाया जाता है।
भगवती महालक्ष्मी की होगी कुमकुम अर्चना, गोदा-रंगनाथ का विवाह उत्सव
धनुर्मास में इंदौर के लक्ष्मी-वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग, पद्मावती वेंकटेश देवस्थान विद्या पैलेस कालोनी, तिरुपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान गुमाश्ता नगर में उत्सवी उल्लास छाएगा। नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि वैष्णवों के लिए इस माह का विशेष महत्व है। लक्ष्मी-वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में प्रतिदिन सुबह 5.45 बजे नाम जप परिक्रमा, सुबह 6 बजे शृंगार, स्तोत्र पाठ और खिरान्न का भोग लगाया जाएगा। प्रतिदिन भगवती महालक्ष्मी की अर्चना 108 नामों से किया जाएगा। महीने के 27वें दिन गोदा-रंगनाथ का विवाह उत्सव होगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.