किसको मिलेगी मध्य प्रदेश की कमान?, सोमवार को खत्म होगा सस्पेंस, प्रह्लाद पटेल ने की शिवराज से मुलाकात
मध्य प्रदेश की कमान किसके हाथों में जाएगी? इसका फैसला सोमवार को होगा। दरअसल, BJP ने मध्य प्रदेश के लिए तीन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। तीनों पर्यवेक्षक सोमवार को भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। भोपाल में शाम चार बजे विधायक दल की बैठक होगी। विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा। इसके बाद राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया जाएगा। इस बीच प्रह्लाद पटेल ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर सस्पेंस और बढ़ा दिया है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में 66 सीटें आईं है। मध्य प्रदेश में जीत के बाद सीएम के नाम को लेकर बीजेपी के अंदर पिछले 5 दिनों से लगातार बैठकें चल रही है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने खुद को सीएम की रेस से बाहर बताकर BJP हाईकमान की चिंता और बढ़ा दी है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यहां पत्रकारों से कहा था कि मुख्यमंत्री को लेकर ‘सस्पेंस’ रविवार को खत्म हो जाएगा। मध्य प्रदेश में भाजपा ने इस बार 17 नवंबर का विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किए बिना लड़ा। ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यदि भाजपा चौहान की जगह किसी और को लेती है तो वह किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुख्यमंत्री पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं। उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हो सकते हैं। वह नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुने गए हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह लोधी समुदाय से आते हैं और लोधी अन्य ओबीसी का हिस्सा है।
इस बीच पटेल दिल्ली से भोपाल पहुंच गए हैं। इस तथ्य को देखते हुए कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है। भाजपा नेतृत्व 2003 के बाद से राज्य में शीर्ष पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गया है। इससे पहले उसने उमा भारती, जो एक लोधी हैं, को आगे बढ़ाया था। एक साल बाद, पार्टी ने एक और ओबीसी, बाबूलाल गौर और फिर 2004 में चौहान पर अपना दांव लगाया।
सीएम की रेस में ये नाम
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, विजयवर्गीय और भाजपा के प्रदेश प्रमुख वी डी शर्मा अन्य संभावित उम्मीदवार हैं। नरेंद्र तोमर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वह दिमनी से चुने गए हैं और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। चारों बड़े दिग्गज पटेल, तोमर, विजयवर्गीय और वी डी शर्मा पहले ही नई दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की। इन नेताओं ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया है कि वे मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं।
29 की 29 लोकसभा सीटें जीतना लक्ष्य- शिवराज
जीत के बाद शिवराज सिंह चौहान लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने दिल्ली जाने से मना कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि वह दिल्ली नहीं जाएंगे। उनका फोकस अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर है। बकौल शिवराज, वह 29 की 29 सीटें जीतना चाहते हैं और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना लक्ष्य है।
चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद शिवराज सिंह चौहान लगातार जनता से मिल रहे हैं। रिजल्ट आने के अगले दिन शिवराज सिंह चौहान ने एक रेस्टोरेंट में परिवार संग खाना खाया। यहां उन्होंने एक बच्चे का बर्थडे भी सेलिब्रेट किया। इसके अगले दिन सीएम शिवराज कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पहुंचे। छिंदवाड़ा में उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह सीएम पद की रेस में नहीं हैं। वह दिल्ली नहीं जाएंगे।
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