इंदौर। भगवान विष्णु की पूजा शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार और एकादशी का दिन श्री हरि विष्णु को समर्पित माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको इन खास दिनों पर उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। श्रद्धा भाव के साथ भगवान नारायण की पूजा करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है। भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ उनकी आरती भी करनी चाहिए। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
॥श्री हरि विष्णु की आरती॥
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥
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