इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक कैदी की सजा पूरी हो जाने के बाद भी उसे ग्यारह माह तक जेल में रखे जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
न्यायमूर्ति शमीम अहमद की लखनऊ पीठ ने हरदोई जेल अधीक्षक को स्पष्टीकरण के लिए शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने महानिदेशक (जेल) को भी तलब कर यह जानना चाहा है कि प्रदेश की जेलों में कितने ऐसे कैदी हैं जो सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किये गये हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
अदालत ने यह आदेश कैदी अरविंद उर्फ नागा की ओर से दाखिल अपील पर पारित किया। कैदी की वकील प्रगति सिंह ने तर्क दिया कि आरोपी के खिलाफ 2017 में हरदोई के शाहाबाद थाने में मामला किया गया था। अदालत ने उसे 28 नवंबर 2022 को पांच साल की सजा सुनाई थी।
अधिवक्ता ने कहा कि दोषी की सजा पूरी हो गई है और अब ग्यारह महीने ज्यादा भी हो गए हैं किन्तु उसे अभी जेल से रिहा नहीं किया गया है। अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम अशोक कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है।
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