सरपंच की हत्या में नामजद EPFO आयुक्त को लेकर ग्वालियर पहुंची पुलिस

ग्वालियर। ईपीएफओ आयुक्त मुकेश रावत को लेकर ग्वालियर पुलिस की टीम बुधवार को ग्वालियर पहुंची। उससे अभी पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें वह खुद को निर्दोष बता रहा है। वह बोला- जिस दिन हत्या हुई, उस दिन ड्यूटी पर ही था। उसके सगे भाई बंटी ने भी उसे कुछ नहीं बताया। रात को उसे पता लगा कि उस पर भी हत्या की एफआइआर हो गई है और विक्रम की हत्या हो गई है।

अलग-अलग शहरों में काट रहा था फरारी

आरोपित मुकेश रावत बनारस, पुरी, राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, मुंबई घूमता रहा। वह अपनी लोकेशन पुलिस से बचने के लिए बदल रहा था। बेंगलुरू भागने से पहले पुलिस ने मुंबई एयरपोर्ट से उसे पकड़ लिया। नौ अक्टूबर को कांति नगर में बन्हेरी सरपंच विक्रम रावत की हत्या में नामजद ईपीएफओ आयुक्त मुकेश रावत को पुलिस ने मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। मुंबई में कोर्ट में पेश कर ग्वालियर पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर बुधवार शाम को ग्वालियर पहुंची। उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा और पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।

पूछताछ में खुलासा

मुकेश से बुधवार को सीएसपी इंदरगंज अशोक सिंह जादौन और पड़ाव थाना प्रभारी इला टंडन ने पूछताछ की। मुकेश से जब पूछताछ की गई तो वह पुलिस को गुमराह करने लगा। मुकेश ने बताया कि वह पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहा था। बेंगलुरू में उसका दोस्त इंजीनियर है। उसके साथ ही उसने एमटेक की थी, उसके पास जा रहा था। इससे पहले ही वह पकड़ा गया।

पुलिस ने जब उससे उसकी भूमिका के बारे में पूछा तो खुद को निर्दोष बताने लगा। पुलिस को पता लगा है कि वह लगातार संपर्क में था। बंटी उसी की शह पर यह पूरा कांड कर गया। बंटी को यह विश्वास था कि उसका भाई उसे और उसके साथियों को बचा लेगा। आरोपित मुकेश रावत पूछताछ में बोला कि पहले रामनिवास हत्याकांड में उसे और उसके परिवार को झूठा फंसाया था।

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