चेन्नई: तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान ‘मिगजॉम’ के कारण चेन्नई और आसपास के जिलों में भारी बारिश के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं में घायल हुए 11 अन्य लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। शहर भर के बारिश प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए अनेक जिला आपदा मोचन दलों (डीडीआरटी) का गठन किया गया है।
54 परिवारों को बचाया गया
शहर के बाहरी क्षेत्र में मुथियालपेट इलाके में 54 परिवारों को बचाया गया और एक महिला को उसके नवजात के साथ शहर के सालिग्रामम से एक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया। निचले इलाकों से 250 से अधिक लोगों को कोट्टूरपुरम के एक स्कूल में बनाए गये शिविर में रखा गया है। इसके अलावा, एक बस के बारिश के पानी में फंसे 22 यात्रियों को पल्लावरम के माध्यमिक स्कूल में स्थापित राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया।
9 जिलों में कुल 61,666 राहत शिविर स्थापित किए गए
चेन्नई के अधिकांश इलाकों में मंगलवार को सुबह से बारिश का असर कम रहा, जिससे अधिकारियों को बचाव और राहत कार्य तेज करने के लिए समय मिल गया है। चेन्नई के निगम मुख्यालय में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर किये जा रहे हैं। स्टालिन ने बताया कि मूसलाधार बारिश से प्रभावित चेन्नई सहित नौ जिलों में कुल 61,666 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें अब तक भोजन के लगभग 11 लाख पैकेट और दूध के एक लाख पैकेट वितरित किये जा चुके हैं।
लोगों ने बारिश रुकने के बावजूद बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होने की शिकायत की
चेन्नई नगर निगम ने राहत कार्यों के लिए अन्य जिलों से पांच हजार श्रमिकों को बुलाया है। ये श्रमिक बचाव कार्य और राहत सामग्री वितरित करने के लिए उत्तरी चेन्नई के पेरियामेट और जलभराव वाले इलाकों में ट्रैक्टर और नौकाओं का उपयोग कर रहे हैं। चेन्नई में चरणबद्ध तरीकों से बिजली आपूर्ति को बहाल किया जा रहा है, उपनगरीय शहर तांबरम, अशोक नगर, कट्टुपक्कम और पेरूंगुडी सहित कई इलाकों के लोगों ने बारिश रुकने के बावजूद बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होने की शिकायत की है।
अशोक नगर निवासी मुकेश ने कहा कि इलाके की मुख्य सड़कों से पानी उतर गया है, लेकिन बिजली आपूर्ति अभी तक बहाल नहीं हुई है। शहर के मुख्य बाहरी बस टर्मिनस के पास कोयमाबेडु में रह रहे ‘पीटीआई’ चेन्नई के उप समाचार संपादक एवं एनी थॉमस ने कहा, ‘‘पिछली बार (2015) जलभराव के कारण तीन दिनों तक फंसे रहने के बाद हम कमर से नीचे तक के पानी में उतरे और वहां से निकलकर एक दिन ‘सर्विस अपार्टमेंट’ में रुके और इसके बाद दो दिन एक मित्र के घर पर ठहरे।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारे अपार्टमेंट परिसर के चारो ओर जलभराव है। हम दूसरी मंजिल पर हैं। बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है और मैं जितना संभव हो सके अपने फोन की बैटरी बचा रहा हूं। मुझे नहीं पता कि नल से जल की आपूर्ति कब होगी।’’
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि बिजली आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से बहाल की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2015 की बाढ़ (जब अन्नाद्रमुक सत्ता में थी) की तुलना में स्थिति को काफी बेहतर तरीके से संभाला गया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में जान गंवाने वाले 12 लोगों में फोरशोर एस्टेट की एक 60 वर्षीय महिला और इंटीग्रल कोच फैक्टरी पुलिस थाने में हेड कांस्टेबल के तौर पर काम करने वाला एक 48 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि भारी बारिश के कारण एक अस्थायी जनरेटर कक्ष ढह जाने से फंसे तीन लोगों को बचा लिया गया। इसके अलावा, अड्यार में एक घर के पानी के डूब जाने के बाद परिवार के तीन सदस्यों का सुरक्षित बाहर निकाला गया। विज्ञप्ति में बताया गया कि बारिश के कारण लगभग 16 भूमिगत पैदल पारपथ बंद हैं और 60 स्थानों पर गिरे पेड़ों को हटा दिया गया है।
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