उज्जैन। अगहन मास में सोमवार को शाही ठाठ के साथ भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे सवारी की शुरुआत हुई। 11 दिसंबर को कार्तिक-अगहन मास की शाही सवारी निकाली जाएगी।
शाही लाव-लश्कर के बाद भक्तों को रजत पालकी में विराजित भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर रूप के दर्शन हुए। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की।
पूजन पश्चात सवारी शिप्रा के राणौजी छत्री घाट के रास्ते शिप्रा के छोटे पुल होते हुए गणगौर दरवाजा से कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए महाकाल मंदिर पहुंचेगी। अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर आस्था का सैलाब उमड़ा। अनेक स्थानों पर पालकी का पूजन किया गया।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.