हनुमान चालीसा की इन चौपाइयों में है अद्भुत शक्ति, हर मंगलवार को जरूर करें पाठ

इंदौर। सनातन धर्म में कई देवी-देवताओं को पूजा जाता है और उनकी विशेष विधि से आराधना की जाती है। हिंदू धर्म के अलग-अलग संप्रदायों में कई अलग-अलग देवताओं की आराधना जाती है, लेकिन भगवान हनुमान की पूजा सभी लोग करते हैं। पौराणिक मान्यता भी है कि मान्यताओं राम भक्त भगवान हनुमान आज भी सशरीर इस भूलोक में भ्रमण करते हैं। ऐसे में महाबली हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रोज हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।

दूर हो जाएगी सभी परेशानियां

पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, यदि मंगलवार की शाम को हनुमान चालीसा की कुछ विशेष चौपाइयों का पाठ किया जाता है तो भगवान हनुमान जल्द प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है तो उसे रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, हनुमान चालीसा में 5 ऐसी चौपाइयां है, जिन्हें सच्चे मन से पाठ किया जाए तो परम फलदायी होती है।

भूत-पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावे।।

इस चौपाई को मंगलवार को पाठ करना चाहिए। रोज सुबह भी इस 108 बार इसका पाठ कर सकते हैं। इससे भय से मुक्ति मिलती है।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बलबीरा।।

यदि कोई व्यक्ति बीमार है और गंभीर बीमारियों से ग्रसित है तो इस चौपाई का पाठ जरूर करना चाहिए।

अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।।

यदि जीवन में किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और जीवन निर्वाह में परेशानी आ रही है तो मंगलवार शाम को इन चौपाइयों का पाठ करना चाहिए।

विद्यावान गुनी अति चातुर। रामकाज करीबे को आतुर।।

यदि आप ज्ञान के उपासक हैं और विद्या और धन प्राप्त करना चाहते हैं तो रोज 108 बार इस चौपाई का ध्यान करना चाहिए।

भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्रजी के काज संवारे।।

यदि आप शत्रुओं से परेशान हैं और कानूनी मामलों में फंसे हुए हैं तो इस हनुमान चालीसा की चौपाई का रोज 108 बार पाठ करना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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