सर्दी में बनने वाले इंदौरी लड्डू की विदेश तक मांग, बिक्री ढाई-तीन गुना तक बढ़ी

इंदौर। सर्द के तेवर तीखे होते ही लोगों ने सेहत के लिए और भी सजगता बरतना शुरू कर दिया है। एक वक्त था जब घरों में ठंड में बनाए जाने वाले सूखे मेवे और औषधियुक्त लड्डू पारंपरिक ढंग से बनाए जाते थे, लेकिन अब इन लड्डुओं का भी बाजार सजने लगा है। खास बात यह है कि स्वाद और सेहत दोनों के प्रति फिक्रमंद लोगों के लिए बाजार में ऐसे लड्डू बनने लगे हैं, जो सेहत के लिए भी बेहतर हों।

कहीं इनमें से शकर हटाकर इन्हें शुगर फ्री बनाया जा रहा है, तो कहीं सूखो मेवों से अन्य मिठाइयां बनाई जा रही हैं, जिनमें प्राकृतिक मिठास को शामिल किया गया है। इंदौर में मिठाई के साथ होने वाले नवाचार को केवल इंदौरी ही पसंद नहीं कर रहे बल्कि देश के अन्य शहरों के अलावा विदेश तक में इसकी मांग है। सेहत से भरा यह पारंपरिक इंदौरी जायका दिल्ली, मुबंई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों के अलावा लंदन, सिंगापुर, कनाडा तक जा रहा है।

तीन गुना तक बढ़ गई मांग

शहर में बनने वाली ठंड की पारंपरिक मिठाई की मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अन्य मिठाई की तुलना में इन मिठाइयों की मांग तीन गुना तक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, इन मिठाइयों के लिए लोग खासी राशि खर्च करने से भी नहीं कतराते। सूखे मेवे और औषधियुक्त ठंड के लड्डू, पिन्नी या ड्रायफ्रूट मिठाई के लिए लोग 600 रुपये प्रतिकिलो से 1800 रुपये प्रतिकिलो तक भी खर्च कर रहे हैं। यह मिठाई केवल सामान्य तौर पर ही नहीं खाई जा रही बल्कि विवाह समारोह में मेहमानों को देने और घर से दूर रह रहे बच्चों को भेजने के लिए भी ली जा रही है।

बच्चों के लिए चिक्की में चाकलेट

शीतल गजक के सनी राज सैनी बताते हैं कि इंदौर में ठंड के दौरान करंट के लड्डू, पिन्नी, सोहन हलवा और फेनी की मांग ज्यादा रहती है। मूंग, उड़द और गेहूं के आटे में सूखे मेवे, गोंद डालकर पारंपरिक ढंग से तो लड्डू बन ही रहे हैं, साथ ही बच्चों के लिए इसी रेसिपी में नवाचार भी हो रहा है। बच्चों के लिए ड्रायफ्रूट चिक्की, अंजीर चिक्की, सूखे मेवे युक्त मलाई बाइट भी बनाई जा रही हैं, जिनमें व्हाइट चाकलेट और चैरी का उपयोग हो रहा है। गोंद के लड्डू के अलावा गोंद पाक की भी मांग रहती है।

ठंड के लिए 50 तरह की मिठाइयां

अग्रवाल स्वीट्स के मोहन अग्रवाल बताते हैं कि अन्य मौसम की अपेक्षा इस मौसम में सूखे मेवे से बनने वाली मिठाई की मांग ढाई गुना तक बढ़ जाती है। ज्यादातर तो पारंपरिक पद्धति से बनने वाले ठंड के लड्डू की ही मांग रहती है, लेकिन जिन्हें डायबिटीज है, उनके लिए शुगर फ्री लड्डू बनाए जाते हैं। इसके अलावा जो शुगर फ्री से भी परहेज करते हैं और शकर भी नहीं चाहते, उनके लिए सूखे मेवे के लड्डू में खजूर या अंजीर का उपयोग किया जाता है। शहर में ठंड के लिए करीब 50 तरह की मिठाई बनती है।

विवाह समारोह के लिए भी बनवा रहे

इंदौर से ठंड के लड्डू और ठंड के लिए बनने वाली विशेष मिठाई देश-विदेश में पहुंचाने वाले अभिषेक अग्रवाल बताते हैं कि मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, बड़ौदा, चेन्नई, दुबई, अमेरिका, कनाडा, लंदन, सिंगापुर में भी यह मिठाई पहुंचाई जाती है। अन्य मिठाई की अपेक्षा ठंड के लड्डू व सूखे मेवे की मिठाई की मांग ज्यादा रहती है। चूंकि यह सेहत से भरपूर हैं और इन्हें ज्यादा दिनों तक उपयोग में ला सकते हैं इसलिए इनका बाजार बढ़ा है। विदेश में होने वाले विवाह समारोह के लिए भी यह मिठाई और लड्डू विशेष आर्डर पर बनवाकर मंगवाए जा रहे हैं।

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