अमरीका एच-1बी वीजा की कुछ श्रेणियों के घरेलू नवीनीकरण के लिए दिसम्बर में एक पायलट कार्यक्रम शुरू करेगा। इससे भारतीय टैक्नोलॉजी पेशेवरों को सबसे अधिक लाभ होगा। इस कार्यक्रम में भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए विदेश विभाग उन विदेशी नागरिकों को 20,000 वीजा जारी करेगा जो पहले से ही देश के अंदर हैं।
वीजा सेवाओं के लिए उप सहायक सचिव जूली स्टफट ने कहा कि कहा कि भारत में अमरीकी वीजा की मांग अभी भी बहुत अधिक है। लोगों को इसके लिए 6 से 12 महीने का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारतीय यात्रियों को शीघ्र अप्वाइंटमेंट मिल सके। इसके लिए सरकार ने घरेलू वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।
केवल वर्क वीजा का होगा नवीनीकरण
स्टफट ने कहा कि पहले चरण में हम अमरीका में रहने वाले भारतीय नागरिकों को प्राथमिकता देंगे। जैसे- जैसे यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इसका विस्तार किया जाएगा। स्टफट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घरेलू वीजा नवीनीकरण कार्यक्रम केवल वर्क वीजा के लिए हैं। पहले वीजा रिन्यूअल कराने के लिए भारत की यात्रा करने की आवश्यकता पड़ती थी परंतु अब ऐसा नहीं होगा। इस कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा पी. एम. मोदी की अमरीका यात्रा के समय हुई थी।
अमरीका अब जारी करेगा ‘पेपरलैस वीजा’
अमरीका में शीघ्र ही वीजा पेपरलैस होने वाला है। बाइडेन प्रशासन ने’ पेपरलैस वीजा’ जारी करने के लिए पायलट प्रोजैक्ट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। पेपरलैस वीजा का अर्थ है कि आवेदकों के पासपोर्ट पृष्ठों पर मुहर लगी या चिपकाया गया अमरीकी वीजा भविष्य में नजर नहीं आएगा। H-1B वीजा सेवाओं के लिए राज्य के उप सहायक सचिव जूली स्टफट ने बताया कि वीजा प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी परंतु किसी के पासपोर्ट में कोई भौतिक वीजा नहीं दिखाई देगा। इसका व्यापक उपयोग करने में संभवतः 18 महीने या इससे भी अधिक समय लगेगा। भविष्य में एक ऐप या ऐसी चीज की आवश्यकता होगी जो लोगों को अपने पासपोर्ट में भौतिक कागज के बिना अपने वीजा की स्थिति दिखाने की सुविधा दे।
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