दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, दो पेशेवर खिलाड़ी, कई आइपीएल सितारों वाली मप्र टीम 61 पर सिमटी

इंदौर। क्रिकेट के मैदान में खेल काम आता है, नाम नहीं। मध्य प्रदेश की सितारों से सजी टीम को विजय हजारे ट्राफी वनडे टूर्नामेंट के मैच में बंगाल के खिलाफ 193 रनों से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। बंगाल ने निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट खोकर 254 रन बनाए। जवाब में मध्य प्रदेश के 11 बल्लेबाज मिलकर भी पूरे 50 ओवर नहीं खेल सके। पूरी टीम मात्र 61 रनों पर पवैलियन लौट गई।

यह हाल तब है जब मध्य प्रदेश की टीम में दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर और रजत पाटीदार शामिल थे। इनके अलावा पेशेवर खिलाड़ी के रूप में मप्र का प्रतिनिधित्व कर रहे कुलवंत खेजरोलिया और कुमार कार्तिकेय सिंह भी टीम में थे जबकि आइपीएल और जूनियर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले चेहरे भी टीम में शामिल थे।

मध्य प्रदेश का पुरुष लिस्ट ए क्रिकेट में दूसरा सबसे कम टीम स्कोर रहा। इससे पहले 11 साल पहले मध्यप्रदेश टीम रेलवे के खिलाफ मैच में 48 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी।

मुंबई में विजय हजारे ट्राफी में बुधवार को मप्र और बंगाल की टीमों के बीच टक्कर हुई। मध्य प्रदेश टीम ने टास जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। मगर टीम का यह निर्णय गलत साबित हुई और बंगाल के बल्लेबाजों ने मैदान के चारों ओर रन बटोरे। ओपनर एआर एसवरन और विकेटकीपर बल्लेबाज अबिशेक पोरेल ने टीम को मजबूत शुरुआत देते हुए 102 गेंद पर 86 रनों की भागीदारी की। इसमें नौ अतिरिक्त रन भी शामिल हैं।

इसके बाद एसवरन ने सुदीप कुमार घरामी के साथ 51 रनों की साझेदारी की। एसवरन ने 95 गेंदों का सामना करते हुए 73 रनों की पारी खेली। इस दौरान उन्होंने छह चौके लगाए। मुश्किल रन लेने के प्रयास में वे रनआउट होकर पवैलियन लौटे। टीम के शेष बल्लेबाज कोई बड़ी पारी नहीं खेल सके, लेकिन सभी ने छोटे मगर अहम योगदान टीम के स्कोर में दिए।

अनुभवी बल्लेबाज अनुस्तूप मजूमदार ने 33 रन जबकि शाहबाज ने 21 रनों की उल्लेखनीय पारी खेली। मध्य प्रदेश ने सात गेंदबाज आजमाए, लेकिन कुमार कार्तिकेय सिंह के अलावा अधिकांश बंगाल के बल्लेबाजों के सामने अप्रभावी नजर आए।

शुरुआत से ही लड़खड़ाती रही बल्लेबाजी

लक्ष्य का पीछा करने उतरी मध्य प्रदेश की टीम शुरुआत से लड़खड़ाती नजर आई। ओपनर यश दुबे और हर्ष गवली ने पहले विकेट के लिए 12 रन जोड़े, इसके लिए दोनों ने 25 गेंद खर्च की। यह टीम की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही। इसके बाद चौथे विकेट के लिए वेंकटेश अय्यर और कप्तान शुभम शर्मा ने 27 गेंदों पर 17 रन इकट्ठा किए, जो टीम की सबसे बड़ी साझेदारी थी। टीम के बल्लेबाज लगातार अंतराल में विकेट गंवाते रहे। केवल दो बल्लेबाज ही दहाई की रन संख्या तक पहुंचे।

कप्तान शुभम शर्मा ने सबसे ज्यादा 14 रन बनाए। इसके लिए उन्होंने 32 गेंदों का सामना किया। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर सिर्फ 10 रन बना सके और ईशान पोरेल का शिकार बने। उन्होंने 17 गेंदों का सामना किया। मप्र के 61 रनों के कुल स्कोर में 11 अतिरिक्त रन भी शामिल थे। शहबाज ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। आकाश दीप ने तीन जबकि ईशान पोरेल ने दो बल्लेबाजों को पवैलियन की राह दिखाई।

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