ग्वालियर। नगर निगम और बिजली कंपनी के अधिकारियों के बीच पावर की लड़ाई शुरू हो गई है। गत शनिवार को नगर निगम ने मोतीमहल में बिना अनुमति बन रहे बिजली कंपनी के 132 केवी उपकेंद्र का काम रोकने के लिए नोटिस जारी किया, तो मंगलवार की दोपहर बिजली कंपनी ने निगम पर साढ़े 12 करोड़ रुपये का बकाया बताकर जलालपुर स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन काट दिया। शाम साढ़े छह बजे नगर निगम का मदाखलत अमला जेसीबी के साथ बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का निजी मकान तोड़ने के लिए पहुंच गया। ऐसे में रात आठ बजे के आसपास प्लांट का कनेक्शन जुड़वा दिया गया।
विभागों के बीच लड़ाई
मोतीमहल में विक्टोरिया मार्केट के ठीक पास 132 केवी जीआइएस उपकेंद्र का निर्माण किया जा रहा है। शनिवार को निगमायुक्त हर्ष सिंह ने मोतीमहल का निरीक्षण किया, तो इस इमारत को देखकर जानकारी ली। इसमें सामने आया कि इमारत को बनाने के लिए अनुमति नहीं ली गई। इसके चलते नगर निगम ने बिजली कंपनी को नोटिस जारी कर निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा था।
पहले काटा कनेक्शन फिर जोड़ा
मंगलवार दोपहर लगभग तीन बजे बिजली कंपनी के अमले ने जलालपुर स्थित नगर निगम के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के दो कनेक्शनों पर 65 लाख और 33 लाख रुपये का बकाया बताकर कनेक्शन काट दिया। इससे जलालपुर में सीवर ट्रीटमेंट का काम बंद हो गया, जिसके चलते उपनगर ग्वालियर क्षेत्र में लाइनें जाम हो गईं और सीवर उफनने लगे। शाम के समय निगम का मदाखलत अमला दो जेसीबी मशीनें लेकर बिजली कंपनी के महाप्रबंधक शहर वृत्त नितिन मांगलिक के रवि नगर स्थित निज निवास पर पहुंच गया और मकान को अवैध बताया। ऐसे में घबराकर बिजली कंपनी ने रात लगभग आठ बजे प्लांट का कनेक्शन जुड़वा दिया।
एमडी ने बकाया वसूली के दिए थे निर्देश
इस मामले में बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक का कहना है कि नगर निगम पर 12.50 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। इसमें बोरिंग कनेक्शन, स्ट्रीट लाइट, ट्रीटमेंट प्लांट आदि की राशि शामिल है। निगम को पूर्व में भी बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस दिए गए थे, लेकिन उन्होंने राशि जमा नहीं कराई।
पिछले दिनों बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने ग्वालियर में बैठक लेकर बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान उन्होंने निगमायुक्त हर्ष सिंह से भी बकाया जमा करने के लिए कहा था, जिस पर निगमायुक्त ने जल्द राशि देने का आश्वासन भी दिया था।
मंगलवार को बकाया राशि जमा किए बिना ही कनेक्शन को जुड़वा दिया गया है।-पहले भी बनी है टकराव की स्थिति–निगमायुक्त के पद पर पदस्थ निकुंज श्रीवास्तव ने लश्कर क्षेत्र में तोड़फोड़ की कार्रवाई कराई थी। उस समय तत्कालीन मंत्री अनूप मिश्रा के साथ उनका विवाद हुआ था। मामले में एफआइआर दर्ज कराने तक की नौबत आ गई थी।
कार्यालय के बाहर कचरा फेंका
ईओडब्ल्यू ने एक मामले में जांच के लिए नगर निगम से दस्तावेज मांगे, तो निगमायुक्त के पद पर पदस्थ अनय द्विवेदी ने सचिन तेंदुलकर मार्ग स्थित ईओडब्ल्यू कार्यालय के बाहर ट्रालियों में भरकर कचरा व सिल्ट फिंकवा दी थी। अनय द्विवेदी ने ही तत्कालीन पूर्व विधायक व वर्तमान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पुरानी छावनी स्थित होटल को तोड़ने के लिए मदाखलत अमला भेजा था। उस समय पूर्व विधायक ने पानी की समस्या को लेकर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद निगम ने यह कदम उठाया।
अवैध भवन की सूचना पर भेजा था अमला
सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कनेक्शन दिन में काटा था, लेकिन शाम को जोड़ दिया गया है। जहां तक बिजली कंपनी के महाप्रबंधक के मकान पर जेसीबी भेजने की बात है, तो हमें अवैध निर्माण की जानकारी मिली थी। इसकी और विस्तार से जांच कराई जाएगी। हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम।
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