MP News: तो क्या परिणाम आने के बाद भी रद्द हो जाएगा चुनाव, पूर्व विधायक की याचिका पर हाई कोर्ट कर रहा सुनवाई
जबलपुर। हाई कोर्ट ने विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में याचिकाकर्ता पूर्व विधायक को यह स्वतंत्रता दी है कि निर्वाचन से जुड़े मुद्दों को चुनाव याचिका के जरिए उठाएं। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने उक्त व्यवस्था के साथ पूर्व विधायक किशोर समरीते को याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी।
पूर्व विधायकने दायर की हाई कोर्ट में याचिका
बालाघाट अंंतर्गत लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निर्वाचन अधिकारी के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसके तहत उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पूर्व विधायक समरीते ने संयुक्त क्रांति पार्टी की ओर से विधानसभा क्रमांक 109 से विधायक के लिए नामांकन दाखिल किया था।
निर्वाचन अधिकारी को मिली थी शिकायत
इसी दौरान बालाघाट के जिला निर्वाचन अधिकारी को याचिकाकर्ता के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने यह पाया कि उम्मीदवार ने आपराधिक रिकार्ड के संबंध में कुछ जानकारी छिपाई है। याचिकाकर्ता ने अपने जवाब में निर्वाचन अधिकारी को बताया कि उक्त आपराधिक प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं, इसके बावजूद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक बार चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद इससे संबंधित किसी भी मुद्दे को परिणाम आने तक अदालत में चुनौती नहीं दे सकते। उक्त अधिनियम के तहत परिणाम आने के बाद प्रत्येक मुद्दे को चुनाव याचिका के जरिए चुनौती देने का प्रविधान है।
चुनाव याचिका में जीतने पर निरस्त हो सकता है चुनाव
अधिवक्त शिवेंद्र पांडे ने साफ किया कि यदि हाई कोर्ट द्वारा मिली स्वतंत्रता के आधार पर दायर चुनाव याचिका में फैसला पूर्व विधायक किशोर समरीते के पक्ष में आता है, तो बालाघाट लांजी में विजयी प्रत्याशी का निर्वाचन शून्य हो जाएगा। साथ ही नए सिरे से निर्वाचन कराना पड़ेगा।
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