Dev Uthani Ekadashi 2023: 148 दिन की योगनिद्रा से जांगेंगे श्रीहरि, इस वर्ष अब 14 दिन शादियां

इंदौर। पांच माह की योगनिद्रा के बाद श्रीहरि गुुरुवार को कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी पर जागेंगे। इसके साथ ही मांगलिक आयोजन का शुरुआत होगी। घर के द्वार पर शहनाई की मंगल ध्वनियां सुनाई देने लगेगी और बारातें निकलेंगी। वर्ष 2023 के अंतिम दो माह में विवाह के लिए 14 मुहूर्त पंचांगों में दिए गए हैं। इसमें नवंबर में पांच और दिसंबर में 9 दिन शादियां होगी।

गेंदेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर (शिवधाम) परदेशीपुरा पर ब्रह्म मुहूर्त में शंख, ढोल, मंजीरे और ताशे बजाकर मंत्रोच्चार के साथ भगवान को शयनकाल से जगाया जाएगा। प्रबंधक राजेश विजयवर्गीय ने बताया कि सभी देवी-देवताओं को नर्मदा जल एवं दूध से अभिषेक करके केशर-इत्र लगा कर फूलों से शृंगारित किया जाएगा। शाम को बैंड-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ तांडव आरती होगी। साथ ही परिसर में तुलसीजी और शालिग्राम विवाह उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर रंगारंग आतिशबाजी होगी।

देश के दूसरे शालिग्राम मंदिर पर गोधूलि बेला विवाह

एरोड्रम रोड स्थित श्रीविद्याधाम परिसर के दूसरे शालिग्राम मंदिर पर देवोत्थान एकादशी के गन्ने के पौधे से विवाह मंडप सजाकर गोधूलि बेला में तुलसी को दुल्हन एवं भगवान शालिग्राम को दूल्हे के रूप में शृंगारित कर विवाह कराया जाएगा। भगवान की बारात आश्रम परिसर में ढोल-ढमाकों के साथ निकाली जाएगी। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के सान्निध्य में भक्तों द्वारा सामूहिक कन्यादान किया जाएगा।

अग्रसेन महासभा का तुलसी विवाह उत्सव

अग्रसेन महासभा का दीपावली मिलन समारोह एवं तुलसी विवाह उत्सव 25 नवंबर को शाम 6.30 बजे बायपास स्थित भंडारी रिसोर्ट के नवनिर्मित सभागृह में आयोजित किया गया है। महासभा के अध्यक्ष जगदीश बाबाश्री एवं मंत्री अखिलेश गोयल ने बताया कि शाम 7 बजे भगवान श्रीनाथ को छप्पन भोग समर्पित कर महाआरती की जाएगी। रात 8 बजे तुलसी विवाह के पश्चात भजन संध्या भी होगी।

अबूझ मुहूर्त में से एक देवोत्थान एकादशी

ज्योर्तिविद् कान्हा जोशी के मुताबिक, देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास का समापन होगा। इस अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में विष्णु और कृष्ण मंदिर में थाली, शंख और घंटे-घडियाल बजाकर भगवान को जगाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी के पौधे का पूजन किया जाता है। साथ ही तुलसी और शालिग्राम विवाह के आयोजन भी होते हैं। पूजा का श्रेष्ठ समय सुबह 6.50 से 8.09 बजे और शाम को 5.25 से रात 8.46 बजे तक है।

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