Chhath Puja 2023 3rd Day: आज शाम अस्त होते सूर्य को देंगे अर्घ्य, नदी-तालाब के किनारे घाटों को सजाया गया

रायपुर। छठ पर्व के दूसरे उत्तर भारतीय समाज के घर-घर में लोहंडा यानी खरना परंपरा निभाई गई। शाम को महिलाओं ने गुड़, दूध, चावलयुक्त खीर का भोग छठी मइया और सूर्यदेव को लगाया। इसके पश्चात खीर-रोटी का सेवन करके निर्जला व्रत रखने का संकल्प लिया। खरना परंपरा निभाने के साथ ही महिलाओं ने छठ का व्रत शुरू कर दिया।

आज अस्त होते सूर्य को अर्घ्य

छठ पर्व के तीसरे दिन रविवार को महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर भक्तिभाव में रमकर शाम को नदी, तालाब के किनारे विधिवत पूजन करेंगी। पूजा करके अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगी। सारी रात भजन-कीर्तन करेंगी। महादेवघाट में रातभर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोकगीतों की प्रस्तुति से भक्तिभाव छाएगा।

20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य से समापन

छठ पर्व के चौथे दिन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में महिलाएं नदी-तालाब में डुबकी लगाकर पुन: पूजन करके सूर्य के उदय होने का इंतजार करेंगी। जैसे ही सूर्य की लालिमा फैलने लगेगी, सूर्यदेव को अर्घ्य देने का सिलसिला प्रारंभ होगा। साथ ही छठी मइया को विविध फल, सब्जियों से अर्घ्य दिया जाएगा। इसके पश्चात ठेकुआ का प्रसाद ग्रहण करके लगभग 36 घंटे से चल रहे निर्जला व्रत का पारणा किया जाएगा।

आतिशबाजी और भंडारा

छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह अर्घ्य देते ही आतिशबाजी की जाएगी। भंडारे में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।

सूपा, टोकरी, पूजन सामग्री की खरीदारी

गोलबाजार, शास्त्री बाजार, आमापारा, गुढ़ियारी आदि इलाकों में छठ पूजा के लिए पूजन सामग्री खरीदने महिलाओं की भीड़ लगी रही। सूपा, टोकरी, फल, सब्जियों की खरीदारी की। फल में केला, सेब, संतरा, सीताफल, आंवला, सिंघाड़ा के अलावा पूजन सामग्री में हल्दी, कुमकुम, रोली, चंदन, जनेऊ, नारियल खरीदा।

वेदी पूजन बनाने जुटे

छठ महापर्व समिति के अध्यक्ष राजेश सिंह ने बताया कि अनेक श्रद्धालुओं ने शनिवार को महादेवघाट तट पर पूजन के लिए वेदी का निर्माण पूरा कर लिया है। थोड़ी-थोड़ी दूर पर 200 से अधिक वेदियां बनाई जा चुकी है। अर्घ्य देने के लिए 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। छठ पूजा की रात्रि में महादेवघाट के किनारे ही टेंट, तंबू लगाकर ठहरने की व्यवस्था की गई है।

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