उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) का आज समापन हो जाएगा। बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो कर दिए गए हैं। दोपहर बाद 3:33 बजे कपाट बंद किया गया। इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा पर भी विराम लगी। केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham), गंगोत्री धाम (Gandotri Dham) और यमुनोत्री धाम (Yamunotri) के बाद आज बद्रीनाथ धाम (Badirnath Dham) के कपाट भी बंद हो रहे हैं। आज शनिवार 18 नवंबर दोपहर 3.33 बजे पूरे विधि विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। इसके लिए पूरे बद्रीनाथ धाम को फूलों से सजाया गया है।
अपराह्न तीन बजकर तैतीस मिनट पर कपाट बंद हो गए
शनिवार की सुबह साढे चार बजे महाभिषेक पूजा की गई। महाभिषेक पूजा के बाद बाल भोग तथा दर्शन किए गए। इसके बाद 11 बजे दिन का राज भोग लगाया गया। इसके बाद दोपहर के 1 बजे से सायंकालीन आरतियां हुई। अपराह्न दो बजे लक्ष्मी जी के गर्भगृह में विराजमान किया गया। लक्ष्मी जी के गर्भगृह में आने से पहले कुबेर जी उद्धव जी का सभा मंडप में लाया गया। दोपहर ढाई बजे के लगभग कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई। भगवान बदरीविशाल को घृत कंबल पहनाये जाने के बाद अपराह्न तीन बजकर तैतीस मिनट पर कपाट बंद हो गए।
मंदिर की हुई भव्य सजावट
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर के कपाट बंद होने से पहले मंदिर की फूलों से सजावट की गई। मंदिर की दस क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है। देर शाम तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे।
आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने से पहले 14 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए थे। इसके बाद अगले दिन भाई दूज पर 15 नवंबर को केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए गए और आखिर में आज बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। इस बार चारधाम यात्रा के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं।
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