जबलपुर। दीपावली पर हुई आतिशबाजी को पांच दिन बीतने के बाद भी शहर की हवा स्वच्छ नहीं हो पाई है। हवा में प्रदूषण का स्तर 294 पर बना हुआ है जो प्रदूषण बोर्ड के लिहाज से खराब है। हालांकि इसमें कुछ कमी आई है, क्योंकि दीपावली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 था, जो बेहद खराब स्थिति मानी जाती है।
वायु प्रदूषण स्थिर होने की एक वजह भारत का क्रिकेट वर्ल्डकप का सेमीफाइनल की जीत भी है। शहर में जीत के जश्न मनाने के लिए जमकर आतिशबाजी की गई थी। इधर फ्लाईओवर निर्माण की वजह से धूल-मिट्टी के कण हवा में बने हुए हैं।
वरिष्ठ विज्ञानी डा. एस के खरे ने बताया कि ठंड के समय हवा में उड़ने वाले धूल के कण ऊंचाई पर नहीं जाते हैं और कम ऊंचाई पर ही बने होते हैं इस वजह से धूल-मिट्टी अधिक नजर आती है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए जरूरी है कि निर्माण स्थलों पर लगातार पानी का तीन समय छिड़काव किया जाए, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
AQI 100 के भीतर है तो बेहतर
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक 100 के भीतर यदि आंकड़ा है तो हवा को साफ माना जाता है। आमतौर पर जबलपुर शहर में प्रदूषण का स्तर 145-180 के बीच होता है जिसके लिए लगातार हो रहे निर्माण कार्य, सड़क में धूल और वाहनों को जिम्मेदार माना जाता है। दीपावली की आतिशबाजी के बाद स्थिति बिगड़ गई। जबलपुर के मढ़ाताल में लगे एयर क्वालिटी स्टेशन में प्रदूषण का स्तर 294 दर्ज हुआ। इसमें पीएम टेन 191 औसत और पीएम 2.5 का स्तर 118 औसत दर्ज किया गया। यह स्तर प्रदूषण के लिहाज से बहुत ज्यादा है। ऐसी हवा में स्वस्थ्य व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
पीएम 10 क्या
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. आलोक जैन ने कहा कि पीएम 10 के बढ़ने का मतलत है कि धूल-मिट्टी के बारीक कण हवा में घुल जाना। ये ऐसे कण होते हैं जो हवा में तैरते समय भी सामान्य रूप से दिखाई देते हैं। पीएम 2.5- पीएम 2.5 में धूल मिट्टी के ऐसे कण जिन्हें सामान्य आंखों ने नहीं देखा जा सकता है इन्हें देखने के लिए उपकरण की मदद ली जाती है। बोर्ड की हो रही निगरानी-मप्र प्रदूषण बोर्ड ने दीपावली के एक हफ्ते पहले से 19 नवंबर तक लगातार 24-24 घंटे वायु प्रदूषण के आंकड़ों की मॉनीटरिंग कर रहा है। विजय नगर चौक और मढ़ाताल, मौसम विभाग, रामपुर, हाई कोर्ट चौक, रिछाई में आंकड़ों पर नजर रखने के लिए तीन-तीन लोगों की टीम लगी है। यहां आंकड़ों को मैन्युअली जांचा जा रहा है। बोर्ड अधिकारी 19 नवंबर तक जांच के नतीजों की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजेंगे।
एक्यूआइ को ऐसे समझें
- 0-50 अच्छा
- 51-100 संतोषजनक
- 101-200 निगरानी में
- 201-300 खराब
- 301-400 बहुत खराब
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.