भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल कोरोना वैक्सीन से होने वाले प्रभाव को लेकर अध्ययन करेगा। इसका फोकस मां को लगी वैक्सीन से गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव को लेकर रहेगा। पता लगाया जाएगा कि गर्भ में शिशु को वैक्सीन से कोई नुकसान तो नहीं हुआ। एम्स ने इस शोध की तैयारी कर ली है। जल्द शोध शुरू कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि अब तक कोरोना वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव की बात को पूरी तरह खारिज किया गया है। ऐसे में, गर्भस्थ शिशु पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर देश में यह पहला शोध होगा।
दूसरी ओर भोपाल एम्स थर्मल पावर प्लांट के आसपास परिवारों में रहने वाले बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर पर भी शोध करने जा रहा है। यह पावर प्लांट मध्य प्रदेश के सिंगरौली में है। इससे बच्चों की सेहत पर क्या असर पड़ रहा है? इस शोध के माध्यम से समझा जा सकेगा।
हालांकि इस शोध को पूरा होने में तीन साल तक का समय लग सकता है। एम्स के निदेशक डा. अजय सिंह ने बताया कि आनुवांशिक बीमारियों से लेकर औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरणीय स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से जुड़े 132 शोध पर एम्स में काम चल रहा है। इन शोध के लिए इस साल अब तक फंडिंग एजेंसियों से 15 करोड़ रुपये मिले हैं। अब अध्ययन कार्य और तेजी से चलेगा।
इनका कहना है
संस्थान में कोरोना वैक्सीन को लेकर काम शुरू किया जाना है। इसे लेकर संबंधित विभाग को अनुमति मिल चुकी है।
-केडी शुक्ला, पीआरओ, एम्स भोपाल
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