कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बेटे यतींद्र सिद्धरमैया बृहस्पतिवार को उस समय विवादों में घिर गए, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह फोन पर कुछ निर्देश जारी करते नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह बातचीत ‘‘(सरकारी कर्मचारियों के) स्थानांतरण कारोबार” से संबंधित थी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेताओं ने कहा कि फोन पर हुई यह बातचीत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कोष का उपयोग करके चार से पांच स्कूलों के विकास के संबंध में थी।
सिद्धरमैया ने कहा कि अगर कोई एक भी ऐसा उदाहरण सबूत के साथ पेश कर दे कि उन्होंने अधिकारियों का तबादला करके पैसा कमाया है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। वीडियो में पूर्व कांग्रेस विधायक यतींद्र को अपने पिता से किन्हीं विवेकानंद के बारे में बात करते सुना जा सकता है और वह किसी तरह के लेन-देन का जिक्र कर रहे हैं। कुमारस्वामी के मुताबिक, यतींद्र ने मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किये गए आर. महादेव से बात की। पूरे प्रकरण की जांच की मांग करते हुए, जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष ने जानना चाहा कि यतींद्र किस सूची के बारे में बात कर रहे थे और बातचीत में जिन विवेकानंद का जिक्र हुआ, वह कौन हैं।
कुमारस्वामी ने सिद्धरमैया से सवाल किया, ‘‘आपने उन्हें (यतींद्र को) क्यों कॉल किया और वह कौन सी सूची है? उनकी (मुख्यमंत्री) क्या भूमिका है? क्या उनका काम अपने बेटे को फोन करना और उनसे पूछना है कि उन्हें (मुख्यमंत्री) क्या करना है?” भाजपा ने भी मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतींद्र पर हमला बोला। भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘यह ‘मुख्यमंत्री’ (यतींद्र) असली मुख्यमंत्री से अधिक शक्तिशाली हैं। पूर्व विधायक यतींद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को आदेश दिया कि उन्हें केवल वही करना चाहिए जो ‘मैंने उन्हें दिया है’ और उससे अधिक नहीं।” भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया केवल नाममात्र के लिए पद पर हैं और सारी शक्ति उनके बेटे यतींद्र के पास है। विपक्षी दल ने टिप्पणी की, ‘‘राज्य में मुख्यमंत्री का पद खाली है।”
सिद्धरमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि फोन पर हुई बातचीत सीएसआर कोष से बनाए जा रहे स्कूल भवनों से संबंधित थी। उन्होंने दावा किया कि समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा ने सूची दी थी। वीडियो के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसा एक भी उदाहरण साबित कर दिया जाए कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में तबादलों के जरिए पैसा कमाया है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख शिवकुमार ने भी कहा कि बातचीत सीएसआर कोष के जरिये स्कूल विकास से संबंधित थी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विकास कार्यक्रम के सदस्य और आश्रय समिति के अध्यक्ष होने के नाते यतींद्र अपने द्वारा चुने गए स्कूलों में बेंच और अन्य फर्नीचर उपलब्ध कराने के लिए सीएसआर कोष के उपयोग के बारे में बात कर रहे थे।
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