मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को वेबिनार के जरिए फर्जी खबरों से बचने के दिए गए टिप्स

भोपाल/इंदौर/जबलपुर। विश्‍वास न्‍यूज के ‘सच के साथी सीनियर्स’ अभियान के तहत बुधवार (15 नवंबर) को वेबिनार का आयोजन किया गया। ये वेबिनार मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और जबलपुर के नागरिकों के लिए

आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को सोशल मीडिया के जरिए फैल रही फर्जी और भ्रामक सूचनाओं के प्रति सचेत करते हुए इन्हें पहचानने का तरीका बताना है।

फर्जी सूचनाओं से बचने के टिप्स

जबलपुर के नागरिकों के लिए आयोजित वेबिनार में सीनियर एडिटर एवं फैक्ट चेकर उर्वशी कपूर ने प्रतिभागियों को ने भ्रामक और फर्जी सूचनाओं को पहचानने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी मैसेज की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले उसके सोर्स की जांच करें। उन्होंने किसी भी सदिंग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करने की नसीहत दी। वहीं, डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर देविका मेहता ने लोगों को सच, राय और अफवाह में अंतर बताते हुए उन्हें फैक्ट चेकिंग के टूल्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गूगल रिवर्स इमेज सर्च से वायरल तस्वीर की जांच की जा सकती है।

भ्रामक सूचनाओं को पहचानने का तरीका

मंगलवार को ही भोपाल के नागरिकों के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें उर्वशी कपूर ने डिजिटल सेफ्टी के अलावा फैक्ट चेकिंग के बारे में समझाया। उर्वशी बताया कि मोबाइल पर आ रही किसी भी संदिग्ध सूचना को फॉरवर्ड करने से पहले जांच कर लें। डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने भी प्रतिभागियों को ऐसी खबरों या पोस्ट को पहचानने के टूल्स के बारे में जानकारी दी।

फेक खबरों को चेक करने के तरीके

जबलपुर, भोपाल के अलावा इंदौर के नागरिकों के लिए भी वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार में देविका मेहता ने कहा कि कोई भी संदिग्ध सूचना को फारवर्ड करने से पहले उसकी अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें। इससे भ्रामक या फर्जी सूचनाओं को फैलने से रोका जा सकता है। पल्लवी ने वायरल वीडियो की जांच लिए इनविड टूल के बारे में विस्तार से बताया। पल्लवी मिश्रा ने फैक्ट चेकिंग के टिप्स बताते हुए चुनाव में जागरूक मतदाता बनने की भी सलाह दी।

बता दें कि जागरण न्‍यू मीडिया की फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्‍वास न्‍यूज ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए तैयार इस अभियान की शुरुआत 14 नवंबर को भोपाल, जबलपुर और इंदौर में सेमिनार का आयोजन कर की थी। इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है। इसके बाद 17 नवंबर को राजस्थान के जयपुर में सेमिनार का आयोजन किया जाएगा।

अभियान के बारे में

‘सच के साथी सीनियर्स’ भारत में तेजी से बढ़ रही फेक और भ्रामक सूचनाओं के प्रति सचेत करने वाला मीडिया साक्षरता अभियान है। इसका उद्देश्य 15 राज्यों के 50 शहरों में सेमिनार और वेबिनार की श्रृंखला के माध्यम से स्रोतों का विश्लेषण करने, विश्वसनीय और अविश्वसनीय जानकारी के बीच अंतर करते हुए वरिष्ठ नागरिकों को तार्किक निर्णय लेने में मदद करना है।

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