इंदौर। सीताफल का नाम सुनकर हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि इस फल का नाम माता सीता के नाम पर ही क्यो है। सीताफल की मांग सर्दियों के मौसम में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। इस मौसम में हर आयु वर्ग के लोग सीताफल खाना चाहते हैं। बच्चे, बुजुर्ग से लेकर कामकाजी अधिकारी तक सब सीताफल की चाहत रखते हैं।
सीताफल में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। यह आयरन का भी अच्छा खासा स्त्रोत है। सीताफल का दूसरा नाम शरीफा भी है। हम इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से सीताफल का माता सीता से क्या कनेक्शन है इसके बारे में जानेंगे।
माता सीता से क्या है कनेक्शन
सीताफल एक ऐसा फल है जिसके बारे में एक ऐतिहासिक कहानी है। पौराणिक कहानियों में यह कहा गया है कि वनवास के दौरान माता सीता के लिए भगवान राम यही फल लेकर आते थे। वनवास के दिनों में माता सीता को सीताफल सबसे ज्यादा प्रिय था।
कुछ ग्रंथों में यह भी कहा गया है कि रावण ने जब माता सीता का अपहरण किया तो वह बहुत दुखी थीं। वह भगवान राम को याद कर रो रही थीं। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू निकले, जो जंगल में गिरे। उन्हीं आंखों से सीताफल के पेड़ों का जन्म हुआ।
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