2 हजार रुपये से शुरूआत….देखते ही देखते खड़ा कर दिया विशाल साम्राज्य, जानें सुब्रत रॉय का फर्श से अर्श तक का सफर
सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और मुंबई के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार लखनऊ में किया जाएगा। सुब्रत रॉय अपने पीछे अरबों रुपए की संपत्ति छोड़ गए हैं। गोरखपुर से शुरुआत करने वाले सुब्रत रॉय ने विशाल साम्राज्य की कैसे स्थापना की? आइए जानते हैं उनके फर्श से अर्श तक का सफर…
1948 में बिहार के अररिया जिले में हुआ जन्म
सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का जन्म 1948 में बिहार के अररिया जिले में हुआ। सुब्रत रॉय ने यूपी के गोरखपुर से अपनी पढ़ाई और कारोबार दोनों की शुरुआत की। अपनी लगन और मेहनत से इन्होंने देखते ही देखते महज 2000 रुपये से शुरू किये गए फाइनेंस कंपनी के कारोबार को 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। ‘सहारा श्री’ सुब्रत रॉय ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की, जो फाइनेंस, रियल स्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी समेत अन्य क्षेत्रों तक फैला हुआ है। 1978 में उन्होंने ‘सहारा इंडिया परिवार’ ग्रुप की स्थापना की थी। गोरखपुर से खासा लगाव होने के चलते रॉय ने मीडिया क्षेत्र हो या फिर रियल इस्टेट गोरखपुर में उनकी कंपनी ने बड़ा निवेश किया।
किराये का कमरा और स्कूटर से पहुंचाते थे सामान
सुब्रत रॉय ने साल 1978 में अपने मित्र एसके नाथ के साथ गोरखपुर में फाइनेंस कंपनी की शुरूआत की थी। इसका ऑफिस सिनेमा रोड पर स्थित था। सुब्रत रॉय ने किराये के ऑफिस से अपने बिजनेस की शुरूआत की, जिसमें दो कुर्सियां लगी होती थीं। स्कूटर के जरिए रॉय ऑफिस आते थे। इस फाइनेंस कंपनी के जरिए सुब्रत रॉय छोटे-छोटे दुकानदारों से सेविंग्स कराते थे। कुछ समय में पूंजी बढ़ने पर इन्होंने कपड़े और पंखे की छोटी सी फैक्ट्री शुरू कर दी। स्थानीय लोगों के अनुसार वह अपने स्कूटर से ही पंखा और अन्य उत्पादों को बेचा करते थे। खुद दुकानों पर जाकर डिलीवरी करते थे और दुकानदारों को छोटी सेविंग्स के बारे में जागरूक करते थे। एक समय ऐसा जब इनके कारोबारी मित्र एसके नाथ से संबंध बिगड़ने लगे। 1983-84 में रॉय के कारोबारी मित्र ने अलग होकर दूसरी कंपनी बना ली, जिसके बाद रॉय ने लखनऊ में अपनी कंपनी का मुख्यालय खोला और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सुब्रत रॉय ने बुलंदियों को किया हासिल
बता दें कि, गोरखपुर से शुरुआत करने वाले सुब्रत रॉय ने बुलंदियों को हासिल किया। 1970 के दशक में अंत में रॉय ने चिटफंड बिजनेस की शुरुआत की थी और देखते ही देखते ऐसा साम्राज्य खड़ा कर लिया, जिसमें एयरलाइन, टेलीविजन चैनल और रीयल एस्टेट शामिल थे। रॉय के सहारा इंडिया परिवार को ‘टाइम मैगजीन’ ने रेलवे के बाद भारत में दूसरे सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया था, जिसमें करीब 12 लाख कर्मचारी काम करते थे। रीयल एस्टेट में उनका महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Aamby Valley City भी था, जो महाराष्ट्र में लोनावाला के पास है। इसके अलावा रॉय ने साल 1993 में एयर सहारा शुरू की थी, जिसे बाद में उन्होंने जेट एयरवेज को बेच दिया।
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