जबलपुर। रबि सीजन में प्रदेश में बिजली की मांग ने अब तक पुराने रिकॉर्ड तोड़ डाले। पिछले साल दिसम्बर 2022 में बिजली की सर्वाधिक मांग 16514 मेगावॉट रही, लेकिन 10 नवंबर को यह रिकार्ड टूटा और बिजली की मांग प्रदेश में 16 हजार 622 मेगावॉट तक पहुंच गई। प्रदेश में यह अब तक की सर्वा अधिक मांग है। डिमांड अ धिक होने के कारण बिजली कम्पनियों को बैंकिंग की गई 850 मेगावाट बिजली वापस लेनी पड़ी। हालांकि दीवाली पर मांग कम हुई और सोमवार को 11848 मेगावाट पर पहुंच गई।
कहां से कितनी सप्लाई
बिजली की प्रदेश में कमी न हो, इसके लिए जनरेशन कम्पनी के ताप विद्युत गृह पूरी क्षमता के साथ बिजली पैदा कर रहे हैं। 5420 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट में 4114 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट से पैदा हो रही है। वहीं हाइड्रल पावर प्लांट से 698 मेगावाट बिजली सोमवार को पैदा हुई। इंद्रासागर पावर प्लांट से एक हजार क्षमता की है जिससे बिजली का उत्पादन 250 मेगावाट हो रहा है।
पिछले दिनों उत्पादन कम कर दिया गया था
ओमकारेश्वर पावर बिजली का उत्पादन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा बिजली की मांग को पूरा करने के लिए 6822 मेगावाट अन्य स्त्रोतों से ली जा रही है। मप्र पावर जनरेशन कम्पनी के जल विद्युत गृहों में बांधों के पानी का जल स्तर कम होने के कारण पिछले दिनों उत्पादन कम कर दिया गया था। बीते एक नवम्बर को प्रदेश के जल विद्युत गृहों से 249 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया था।
दिसम्बर 2022 में टूटा था रिकार्ड
दिसम्बर 2022 में बिजली की सर्वाधिक मांग का रिकार्ड टूटा था। दिसम्बर 2022 को प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक मांग 16514 मेगावाट रही। इसके पूर्व बीते 11 दिसम्बर को 16123 मेगावॉट, 24 नवम्बर को 15460 मेगावाट और 29 नवम्बर को 15860 मेगावॉट बिजली की मांग प्रदेश में रही। जबकि इस रबी सीजन में दूसरे सप्ताह में ही डिमांड ने अपने नवम्बर माह का पिछला रिकार्ड तोड़ डाला।
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