वास्तु के अनुसार दिवाली के दिन इस दिशा में जलाएं दीपक, खींची चली आएंगी मां लक्ष्मी

इंदौर। हिंदू धर्म में त्योहारों को लेकर कई नियम बताए गए हैं। जिसका पालन करना बहुत जरूरी है। त्योहारों पर सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान इस नियम का पालन करना लाभकारी होता है। आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों को यह कहते सुना होगा कि दीपक का मुख किस दिशा में रखना शुभ माना जाता है। शाम के समय दीपक जलाने से कई फायदे होते हैं। आज से दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं, कि दिवाली के दिन शाम के समय किस दिशा में दीपक जलाना सबसे लाभकारी होगा।

इस दिशा में रखें दीपक

दिवाली पर वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक का मुख उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। साथ ही यह दिशा कुबेर देव की मानी जाती है। इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

तेल और घी के दीपक

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तेल और घी के दीपक को सही दिशा में कैसे रखना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। पूजा के दौरान तेल का दीपक दाईं ओर और घी का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए। ऐसा करने से हमेशा धन-धान्य भरा रहता है।

इस दिशा में रखें लौ

शास्त्रों के अनुसार, घर की पूर्व दिशा दीर्घायु का प्रतीक होती है। इस दिशा में दीपक की लौ रखना शुभ माना जाता है। इससे पैसों से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है और व्यक्ति को कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती।

इस ओर रखें दीपक का मुंह

दीपक का मुख पश्चिम दिशा की ओर रखना बहुत शुभ माना जाता है। यह दिशा माता लक्ष्मी की दिशा है और इस दिशा में दीपक रखने से व्यक्ति को कभी भी धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इस दिशा में बिल्कुल न रखें

दीपक का मुख कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें। यह दिशा यमदेव की मानी जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन यम के निमित्त दीपक जलाना चाहिए। इससे अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और व्यक्ति को शुभ फल भी मिलता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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